Ujesha Times may internet | Page 56

 मई-2019 54 fparuh; सोशल मीिडया  सोशल मीिडया जोड़ते-जोड़ते लोग को दूर करने क काम म लग गया है. लोग एक कमरे म साथ बैठकर भी अलग-अलग, एक दूसरे से बेख़बर अपने-अपने फ़ोन पर व त िबताने लग ह. लेिकन सोशल मीिडया ने हम िसफ़ भावना मक तर पर ही एक-दूसरे से दूर नह िकया, ब क उसने िवचारधारा क तर पर प रवार , दो त और समुदाय क बीच गहरी खाइयां भी खोद द . दीिपका सार वत क रीब 20 साल पहले जब हम एक शहर या कल छोड़ कर दसरी जगह जाते थे तो लगता था िक अब हम अपने दो त और प रवार वाल से शायद कभी नह िमलगे. तब न तो इतन सेलफ़ोन थे और न सोशल मीिडया. लेिकन 2004 म ऑरकट आया और दिनया बदल गई. िबछड़ हए लोग पहले ऑरकट, िफर फ़े सबक और िफर हाटसएप के ज़ रए एक-दसर लग से िफर से जड़न थे. उन िदन सोशल मीिडया िकसी चम कार जैसा लगता था. इटरन म ट ने हम सब क िज़दिगय ाित ला दी थी. हम महगे ं फ़ोन कॉल से बचने क िलए जीमल के जीटॉक पर कॉल करते, 160by2 जैसी वैबसाइटस का इ तेमाल करके एक दसर क फ़ोन पर मसैेज भजे लेते. बहत से लोग चटै स म जाकर दिनया भर के लोग से दो ती-यारी बना रह थे. तब सोशल मीिडया का इ तेमाल करने वाल म कल-कॉल ज जाने वाले और आईटी कपिनय म काम करने वाले यवा ही यादा थे. आिथक प स ये सभी या तो म यमवग य थे या उ च वग से आत थे. दख ते ही दख ते भारत माटफ़ोन का सबसे बड़ा बाज़ार बन गया और इटरन क ट इसके दरदराज इलाक तक पहच ं गया. िफर ऐसा व भी आया जब सोशल मीिडया जोड़ते-जोड़ते लोग को दर ू करने के काम म लग गया. लोग एक कमरे म साथ बैठकर भी अलग-अलग, एक दसर से बेख़बर अपने-अपने फ़ोन पर व िबताने लगे. लेिकन सोशल मीिडया ने हम िसफ़ भावना मक तर पर ही एक-दसर से दर ू नह िकया, बि क उसन िवचारधारा के तर पर प रवार , दो त और समदाय के बीच गहरी खाइया ं भी खोद द . साल 2009 म ईरान क टिवटर ाित और 2010 के आिख़र म टयिनिशया से श ु हई अरब ाित न हम सोशल मीिडया क राजनीितक ताक़त से - ब- कराया. उस व पि मी लोकताि ं क दश न इन ाितय म सोशल मीिडया के इ तेमाल का ज मनाते हए कहा िक उसके कारण ही म य-पव ू म लोकत ं का रा ता खला ह.ै श ु आत म इसे एक ऐसे मा यम क तरह दख ा जा रहा था जो एक आदोलन को कम क़ मत पर और यादा तेज़ी स बेहतर दशक , भागीदार, कायकता और फ़ड उपल ध करा सकता था. वह त वीर और जानकारी को बहत कम समय म दर-दर ू तक फै ला सकता था, बहस और तक के िलए जगह द े सकता था और बड़ी स ं या म लोग को वा तिवक क़दम उठाने के िलए एकजट ु भी कर सकता था. 2014 म हमने भारत के आम चनाव म भी सोशल मीिडया का जाद ू दख ा. लेिकन जब 2016 म हए अमे रक रा पित चनाव को भािवत करने म सी एजिसय क भिमका से पदा उठा तो पि म म इस पर बहस श ु हई िक या सोशल मीिडया लोकत ं के िलए एक ख़तरा ह.ै ययॉक टाइ स म छपी एक रपोट अमे रका म 2016 के रा पित चनाव म सोशल मीिडया क ज़ रए सी दख़ल के बारे म िव तार से बताती ह.ै इसके मतािबक़ अमे रक साइबर एजिसय ने पता www.ujeshatimes.com