मई-2019
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सोशल मीिडया
सोशल मीिडया जोड़ते-जोड़ते लोग को दूर करने क काम म लग गया है. लोग एक कमरे म साथ बैठकर भी
अलग-अलग, एक दूसरे से बेख़बर अपने-अपने फ़ोन पर व त िबताने लग ह. लेिकन सोशल मीिडया ने हम
िसफ़ भावना मक तर पर ही एक-दूसरे से दूर नह िकया, ब क उसने िवचारधारा क तर पर प रवार , दो त
और समुदाय क बीच गहरी खाइयां भी खोद द .
दीिपका सार वत
क
रीब 20 साल पहले जब हम
एक शहर या कल
छोड़
कर दसरी
जगह जाते थे तो
लगता था िक अब हम अपने दो त और प रवार
वाल से शायद कभी नह िमलगे. तब न तो इतन
सेलफ़ोन थे और न सोशल मीिडया. लेिकन 2004
म ऑरकट
आया और दिनया
बदल गई. िबछड़
हए लोग पहले ऑरकट,
िफर फ़े सबक
और िफर
हाटसएप
के ज़ रए एक-दसर
लग
से िफर से जड़न
थे. उन िदन सोशल मीिडया िकसी चम कार जैसा
लगता था. इटरन
म
ट ने हम सब क िज़दिगय
ाित
ला दी थी. हम महगे ं फ़ोन कॉल से बचने क
िलए जीमल
के जीटॉक पर कॉल करते, 160by2
जैसी वैबसाइटस
का इ तेमाल करके एक दसर
क
फ़ोन पर मसैेज भजे लेते. बहत से लोग चटै स म
जाकर दिनया
भर के लोग से दो ती-यारी बना रह
थे. तब सोशल मीिडया का इ तेमाल करने वाल म
कल-कॉल
ज जाने वाले और आईटी कपिनय
म
काम करने वाले यवा
ही यादा थे. आिथक प स
ये सभी या तो म यमवग य थे या उ च वग से आत
थे. दख
ते ही दख
ते भारत माटफ़ोन का सबसे बड़ा
बाज़ार बन गया और इटरन
क
ट इसके दरदराज
इलाक तक पहच ं गया. िफर ऐसा व भी आया
जब सोशल मीिडया जोड़ते-जोड़ते लोग को दर ू
करने के काम म लग गया. लोग एक कमरे म साथ
बैठकर भी अलग-अलग, एक दसर
से बेख़बर
अपने-अपने फ़ोन पर व िबताने लगे. लेिकन
सोशल मीिडया ने हम िसफ़ भावना मक तर पर
ही एक-दसर
से दर ू नह िकया, बि क उसन
िवचारधारा के तर पर प रवार , दो त और
समदाय
के बीच गहरी खाइया ं भी खोद द .
साल 2009 म ईरान क टिवटर
ाित
और 2010
के आिख़र म टयिनिशया
से श ु हई अरब ाित
न
हम सोशल मीिडया क राजनीितक ताक़त से -
ब- कराया. उस व पि मी लोकताि ं क दश
न
इन ाितय
म सोशल मीिडया के इ तेमाल का
ज मनाते हए कहा िक उसके कारण ही म य-पव ू
म लोकत ं का रा ता खला
ह.ै श ु आत म इसे एक
ऐसे मा यम क तरह दख
ा जा रहा था जो एक
आदोलन
को कम क़ मत पर और यादा तेज़ी स
बेहतर दशक , भागीदार, कायकता और फ़ड
उपल ध करा सकता था. वह त वीर और
जानकारी को बहत कम समय म दर-दर
ू तक फै ला
सकता था, बहस और तक के िलए जगह द े सकता
था और बड़ी स ं या म लोग को वा तिवक क़दम
उठाने के िलए एकजट ु भी कर सकता था. 2014 म
हमने भारत के आम चनाव
म भी सोशल मीिडया
का जाद ू दख
ा. लेिकन जब 2016 म हए अमे रक
रा पित चनाव
को भािवत करने म सी
एजिसय क भिमका
से पदा उठा तो पि म म इस
पर बहस श ु हई िक या सोशल मीिडया
लोकत ं के िलए एक ख़तरा ह.ै
ययॉक
टाइ स म छपी एक रपोट अमे रका म
2016 के रा पित चनाव
म सोशल मीिडया क
ज़ रए सी दख़ल के बारे म िव तार से बताती ह.ै
इसके मतािबक़
अमे रक साइबर एजिसय ने पता
www.ujeshatimes.com