मई-2019
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felky
ज म पर अपनी निसग होम क फ स नह लेती ह
और परे ू निसग होम म िमठाई बटवाती
ह.
बीएचय ू से एमबीबीएस और एमडी कर चक
िश ा धर वाराणसी म निसग होम चलाती ह.
उनक 2001 म एमडी क पढ़ाई परी ू हई. शादी
के बाद वे खद ु का निसग होम चलाने लग .
िश ा के इस काम म उनके पित डॉ. एमक
ीवा तव भी उनका बखबी
साथ दतेे ह. क या
ण ू ह या को रोकने और लड़िकय के ज म को
बढ़ाना दनेे के िलए ये दोन डॉ टर दपित
लगे हए
ह. वे ब ची के ज म पर प रवार म फै ली मायसी
को दर ू करने के िलए नायाब मिहम
चला रह े ह.
इसके तहत उनके निसग होम म यिद कोई
मिहला ब ची को ज म दतेी ह,ै तो उससे कोई
िडिलवरी चाज नह िलया जाता. इसक जगह
लोग के बीच िमठाईया ं बाटी
जाती ह.ै अ सर
जब प रजन को पता चलता ह ै िक बेटी ने ज म
िलया ह ै तो वह मायस ू हो जाते ह. गरीबी क
कारण कई लोग तो रोने भी लगते ह. इसी सोच
को बदलने क वह कोिशश कर रही ह, तािक
अबोध िशश ु को लोग खशी
से अपनाए. ं
इसीिलए वह बेटी के ज म पर फ स नह लेती ह.
बेड चाज भी नह िलया जाता.
उनका वाराणसी के पहािड़या के अशोक नगर
इलाके म काशी मिेडके यर के नाम से उनका
निसग होम ह.ै यहा ं बेटी पैदा होने पर जीरो बैल स
पर ज जा-ब चा दोन का इलाज होता ह.ै यिद
िसजे रयन के ज रए िडिलवरी हई और ऑपरे शन
करना पड़े तो वह भी म ु त ह.ै अब तक 100
बेिटय के ज म पर कोई चाज नह िलया गया ह.ै
आपको बता द िक डॉ. िश ाधर क ओर स
उनके अ पताल म बेटी पैदा होने पर कोई भी
फ स न लेने क जानकारी होते ही मई म
वाराणसी दौरे पर आए धानम ं ी नर मोदी
बहत भािवत हए थे. पीएम ने बाद म मच ं स
अपने सबोधन
म दश
के सभी डॉ टर से आ ान
िकया था िक वे हर महीने क नौ तारीख को ज म
लेने वाली बि चय के िलये कोई फ स ना ल.
इससे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ं क मिहम
को
बल िमलेगा. डॉ. िश ा धर का मानना ह ै िक
सनातन काल से बेिटय को ल मी का दजा िदया
गया. दश
-िव ान तकनीक क राह पर भी आग
बढ़ रहा ह.ै इसके बाद भी क या णह
या जैस
कक
ृ य एक स य समाज के िलए अिभशाप ह.
वैसे भी जहा ं बेटी के ज म पर खशी
नह , वह
पैसा िकस काम का. अगर बेिटय के ित समाज
क सोच बदल सके तो वे खद ु को सफल समझ.
ब च और प रवार को कपोषण
से बचाने क
िलए डॉ. िश ा धर अनाज बक भी सचािलत
करती ह. िफलव वे अित िनधन िवधवा और
असहाय 38 प रवार को हर माह क पहली
तारीख को अनाज उपल ध कराती ह. इसम
येक को 10 िक ा गेह ं और 5 िक ा चावल
िदया जाता ह.ै होली-दीपावली पर इन प रवार
को कपड़े, उपहार और िमठाई भी िदया जाता ह.ै
उनक इस मिहम
म अब शहर के अ य
िचिक सक भी जड़न
लगे ह. डॉ. िश ा और
उनके पित ारा िकया जा रहा काय वाकई
क़ािबल ए-तारीफ़ ह.ै हमारे समाज को इसस
कछ
सीखने क ज रत ह ै जो बेटी-बेट म भदे
करते ह. <
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वाराणसी क पहािड़या क
अशोक नगर इलाक म काशी
मेिडकयर क नाम से उनका
निसग होम है. यहां बेटी पैदा
होने पर जीरो बैल स पर
ज ा-ब ा दोन का इलाज
होता है. यिद िसजे रयन क
ज रए िडिलवरी हुई और
ऑपरेशन करना पड़ तो वह
भी मु त है. अब तक 100
बेिटय क ज म पर कोई चाज
नह िलया गया है.