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 मई-2019 53 felky ज म पर अपनी निसग होम क फ स नह लेती ह और परे ू निसग होम म िमठाई बटवाती ह. बीएचय ू से एमबीबीएस और एमडी कर चक िश ा धर वाराणसी म निसग होम चलाती ह. उनक 2001 म एमडी क पढ़ाई परी ू हई. शादी के बाद वे खद ु का निसग होम चलाने लग . िश ा के इस काम म उनके पित डॉ. एमक ीवा तव भी उनका बखबी साथ दतेे ह. क या ण ू ह या को रोकने और लड़िकय के ज म को बढ़ाना दनेे के िलए ये दोन डॉ टर दपित लगे हए ह. वे ब ची के ज म पर प रवार म फै ली मायसी को दर ू करने के िलए नायाब मिहम चला रह े ह. इसके तहत उनके निसग होम म यिद कोई मिहला ब ची को ज म दतेी ह,ै तो उससे कोई िडिलवरी चाज नह िलया जाता. इसक जगह लोग के बीच िमठाईया ं बाटी जाती ह.ै अ सर जब प रजन को पता चलता ह ै िक बेटी ने ज म िलया ह ै तो वह मायस ू हो जाते ह. गरीबी क कारण कई लोग तो रोने भी लगते ह. इसी सोच को बदलने क वह कोिशश कर रही ह, तािक अबोध िशश ु को लोग खशी से अपनाए. ं इसीिलए वह बेटी के ज म पर फ स नह लेती ह. बेड चाज भी नह िलया जाता. उनका वाराणसी के पहािड़या के अशोक नगर इलाके म काशी मिेडके यर के नाम से उनका निसग होम ह.ै यहा ं बेटी पैदा होने पर जीरो बैल स पर ज जा-ब चा दोन का इलाज होता ह.ै यिद िसजे रयन के ज रए िडिलवरी हई और ऑपरे शन करना पड़े तो वह भी म ु त ह.ै अब तक 100 बेिटय के ज म पर कोई चाज नह िलया गया ह.ै आपको बता द िक डॉ. िश ाधर क ओर स उनके अ पताल म बेटी पैदा होने पर कोई भी फ स न लेने क जानकारी होते ही मई म वाराणसी दौरे पर आए धानम ं ी नर मोदी बहत भािवत हए थे. पीएम ने बाद म मच ं स अपने सबोधन म दश के सभी डॉ टर से आ ान िकया था िक वे हर महीने क नौ तारीख को ज म लेने वाली बि चय के िलये कोई फ स ना ल. इससे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ं क मिहम को बल िमलेगा. डॉ. िश ा धर का मानना ह ै िक सनातन काल से बेिटय को ल मी का दजा िदया गया. दश -िव ान तकनीक क राह पर भी आग बढ़ रहा ह.ै इसके बाद भी क या णह या जैस कक ृ य एक स य समाज के िलए अिभशाप ह. वैसे भी जहा ं बेटी के ज म पर खशी नह , वह पैसा िकस काम का. अगर बेिटय के ित समाज क सोच बदल सके तो वे खद ु को सफल समझ. ब च और प रवार को कपोषण से बचाने क िलए डॉ. िश ा धर अनाज बक भी सचािलत करती ह. िफलव वे अित िनधन िवधवा और असहाय 38 प रवार को हर माह क पहली तारीख को अनाज उपल ध कराती ह. इसम येक को 10 िक ा गेह ं और 5 िक ा चावल िदया जाता ह.ै होली-दीपावली पर इन प रवार को कपड़े, उपहार और िमठाई भी िदया जाता ह.ै उनक इस मिहम म अब शहर के अ य िचिक सक भी जड़न लगे ह. डॉ. िश ा और उनके पित ारा िकया जा रहा काय वाकई क़ािबल ए-तारीफ़ ह.ै हमारे समाज को इसस कछ सीखने क ज रत ह ै जो बेटी-बेट म भदे करते ह. < www.ujeshatimes.com वाराणसी क पहािड़या क अशोक नगर इलाक म काशी मेिडकयर क नाम से उनका निसग होम है. यहां बेटी पैदा होने पर जीरो बैल स पर ज ा-ब ा दोन का इलाज होता है. यिद िसजे रयन क ज रए िडिलवरी हुई और ऑपरेशन करना पड़ तो वह भी मु त है. अब तक 100 बेिटय क ज म पर कोई चाज नह िलया गया है.