मई-2019
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www.ujeshatimes.com
शयेर िकया हो. सोशल मीिडया साइट के िलए इस
तरह से बाटन
वाला ए गो रदम एक फ़ायद े का
सौदा ह.ै आप िजतने यादा बटग
, िविभ न मसल
पर उतने ही उ िेजत ह गे और अपने आप को सही
सािबत करने के िलए उतना ही समय इन साइटस
पर लाइक, कमट या शयेर करते हए िबताएगे ं . और
िजतना समय आप इन साइटस
पर िबताएगे ं उसी
अनपात
को िव ापन िमलगे.
म इन साइटस
नतीजतन अमे रक चनाव
के दौरान लोग को उसी
तरह क पो ट और ख़बर पढ़ने को िमल रही थ
िजनम उनक िदलच पी थी. अगर कोई अमे रक
िहलेरी ि लटन
को लेकर कोई सही या ग़लत राय
नह रखता था पर उसने एक-दो बार उ ह ग़लत
रौशनी म िदखाने वाली ख़बर म िदलच पी ले ली
तो िफर फ़े सबक
उसक फ़ ड म िसफ़ इसी तरह क
ख़बर िदखा रहा था. िजतना यादा वह इस तरह
क ख़बर पढ़ रहा था उतनी ही और ऐसी ख़बर
उसके पास आ रही थ . नतीजतन धीरे -धीरे वह
िहलेरी के िवरोधी म त दील होता जा रहा था. ऐसा
ही कछ
डोना ड ं प के समथक के साथ भी हो
रहा था. वे िसफ़ ं प को बेहतर सािबत करने वाली
ख़बर पढ़ रह े थे. ऐसे लोग एक िफ़ टर बबल म क़ै द
हो चके ु थे जहा ं वे िसफ अपने जैसी िवचारधारा
वाल के साथ काफ़ जोश म बातचीत कर रह े थ
और अपने से अलग िवचार रखने वाले दो त तक
को सनन
तक के िलए तैयार नह थे. आइ रश
अकादिमक और प कार जॉन नॉटन ि तानी
अख़बार द गािजअन म िलखते ह, ‘2016 के बाद
अगर कछ
बदला ह ै तो यह िक अब सोशल
मीिडया चनाव
को भािवत करने वाला एक
उपयोगी औज़ार भर नह रह गया ह.ै ये वो ज़मीन
बन गया ह ै िजस पर हमारी परी ू चनावी
स ं कित
खड़ी ह,ै िजसक चोिटया ं और घािटया ं हमार
रोज़मरा के सवाद
तय करती ह, और िजसक
द ु पयोग क सभावनाओ
क कोई सीमा नह ह.ै
जब तक हम इस ज़मीन को सरि ु त नह कर लेत
या परी ू तरह बदल नह लेते, हम और भी कई
हमल के िलए तैयार रहना चािहए. हर हमला
पहले से थोड़ा अलग होगा, और हर बार हम और
यादा िमत छोड़ जाएगा िक जो हम सोशल
मीिडया पर दख
रह े ह वह सच ह ै या सच के आस-
पास का कछ
और.’ िपछले पाच
साल म घर ,
द तर और चाय के अडड ् पर भारत भी दो िह स
म बट ं गया तीत हो रहा ह.ै इनम से एक िह सा ह
नर मोदी के समथक का और दसरा
ह ै िवक प
चाहने वाल का. इन दो तरह के लोग के बीच
अलगाव और तनाव नफ़रत क हद तक बढ़ गया
लगता ह.ै राजनीितक झकाव
अब न िसफ़ परानी
दोि तय बि क प रवार और शािदय के आड़े भी
आने लगा ह.ै लोग अपने िवचार को लेकर
अितवाद क िगर त म धसत
जा रह े ह. या इसका
कारण भी सोशल मीिडया ह.ै सोशल मीिडया पर
नज़र रखने वाल का जवाब ह ै - हा. ं िपछले दो
दशक म हमारी अितवािदता बढ़ी ह
तमाम शोध अब यह सािबत कर चके ु ह िक
दि णपथी
राजनीित भय और तनाव पर फलती
फलती
ह.ै इसी तरह लोकवादी राजनीित के िलए
जनता को दो खमे म बाटा
जाना ज़ री ह ै -
िस ात ं पर चलने वाले और कलीन
लोग.
सोशल मीिडया पर िकसी भी ख़बर या िवचार को
िबना िकसी जवाबदहेी या िव सनीयता तय िकए
फै लाया जा सकता ह,ै वह ऐसी ताक़त के िलए
सबसे मफ़
द, स ता और कारगर हिथयार बनकर
सामने आता ह.ै यहा ं अ सर तक और त य क
बात नह क जाती बि क डर और भावना मक
बात के ज़ रए लोग को बरगलाया जाता ह.ै
लोकत ं पर काम कर रही जमन ी क ग़ैर-
लाभकारी स ं था े डे रक एबट फाउडे ं शन अपनी
वेबसाइट पर एक आलेख म बताती ह ै िक ‘हमारा
रसच िदखाती ह ै िक ऑनलाइन यवहार कई तरह
से दि णपथी
अितवाद के उभार को ईधन
द े रहा ह:ै
यह नए लोग तक अितवादी साम ी पहचा
रहा ह,ै
िवचारधारा के आधार पर आम सहमित बनवाकर
क रता को बढ़ावा द े रहा ह,ै आदोलन
को मज़बत ू
कर रहा ह,ै अब तक हािशए पर रह
िवचारधारा मक िबदओ
ु ं को म ु यधारा म शािमल
करा कर ऑनलाइन बहस को बदल द े रहा ह.ै’
अपनी रोज़मरा क िज़दगी
और टिवटर
म फ़े सबक
जैसे सोशल मीिडया लेटफॉ स से गज़रत
हए हम
यह सब रोज़ होते दख
रह े ह. दस साल पहले हम
शायद सोच भी नह सकते थे िक जो साइट हम
हमारे िबछड़े दो त से िमला रही थ उसी के ज़ रए
हम अपने पाटनर क पॉिलिट स पता चल रही ह,ै
जो शायद हम उससे नफ़रत करने या उसे कमतर
आकन
पर मजबर ू कर रही ह.ै अगर बाटो
और राज
करो के इस अथशा से बचाव के बारे म सोचा
जाए तो िफ़लहाल हमारे पास दो ही रा ते िदखते ह.
एक तो इन साइटस
पर ऐसी ए गो रदम से बाज़
आने का दबाव बनाया जाए और दसर
ा
खद ु दख
जाए िक हम िकसी िफ़ टर बबल म तो नह फस
हए ह. आिखर म यह तो हम ही तय करना होगा िक
हम िकसी राजनीितक पाट का झडा
उठाने क
चलते अपने से अलग िवचारधारा रखने वाल
दो त से र ते तोड़ दनेा ह ै या सामने वाले को
सनन
, सवाल पछन
और िज़ मदेारी तय करने क
शा त भारतीय और लोकताि ं क म ू य को
बचाए रखना ह.ै <
लगाया िक सी एजिसय ने भारी स ं या म ऐस
फ़े सबक
ोफ़ाइल बनाए जो िकसी आम अमे रक
नाग रक जैसे ही िदखते थे. साथ ही कई अमे रक
नाग रक के अकाउट ं हक
भी िकए गए. सी
एजिसय के िनदश पर ये अकाउट ं िहलेरी ि लटन
के िख़लाफ़ ोपेग डा फै ला रह े थे. टिवटर
पर फे क
अकाउटस
का भी इ तेमाल
् के अलावा बॉटस
िकया जा रहा था. बॉटस
ऐसे ऑटोमटेेड
अकाउटस
् होते ह जो अपनी ो ािमग ं के आधार
पर अपने आप टवीट
करते रहते ह. यही नह ,
buyaccs.com जैसी सी वैबसाइटस
पर पहल
से तैयार अकाउटस
् क थोक ख़रीद-फ़रो त भी हो
रही थी.
िफ़ टर बबल म क़ै द समथक
अमे रक चनाव
के दौरान हो यह रहा था िक बहत
से अमे रक नाग रक इन फे क अकाउटस
् को सच
मानकर उनके ज़ रए शयेर क जा रही ख़बर पर
यक न कर रह े थे और उ ह खद ु भी फै ला रह े थे.
और इस तरह क झठी
ख़बर को फै लाने के िलए
उ ह े रत कर रहा था फ़े सबक
के ए गो रदम का
बनाया िफ़ टर बबल. फ़े सबक
का मौजदा
ए गो रदम आपक िचय , झान और पसद ं क
िहसाब से काम करता ह.ै आप अगर फ़े सबक
पर ह
तो आपने महसस ू िकया होगा िक िपछले कछ
समय से आप िसफ़ उ ह दो त क पो ट दख
पात
ह िजनके िवचार आपसे िमलते-जलत
ह, यानी
िजनक पो ट को आपने हाल म लाइक, कमट या