मई-2019
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ये समझना बेहद ज़ री है िक धरती क नीचे मौजूद पानी उस
टथपे ट की तरह है िजसे िजतनी तेजी से बाहर िनकाला जा सकता
है उतनी ही तेजी से अंदर नह डाला जा सकता है.
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वॉटर फटि
ं ट 22,500 लीटर ित िकलो ाम ह.ै
पािक तान म यह औसत 9,800 लीटर ह ै और
यएसए
म करीब 8,100 लीटर. दरअसल ये बात
इसिलए भी गभीर
हो जाती ह ै य िक िनयात क
िलए खाने और कपड़े के वॉटर फटि
ं ट उन 400
करोड़ लोग के िलए बहत मायने रखते ह जो
भौितक तौर पर पानी क कमी झल
ते ह. पानी क
िलए इन लोग का उन उ ोग से आमना सामना ह
जो उस सामान को महय
ै ा करवाते ह िजसे यके ू म
खऱीदा जाता ह.ै भारत म 100 करोड़, 90 करोड़
चीन म और 14 करोड़ लोग बा ं लादश
म परे ू साल
या कछ
व के िलए भौितक पानी का अभाव
झल
ते ह. उसके बावजद ू भारत म 2000 और
2010 के बीच म भिमगत
जल का दोहन 23
ितशत तक बढ़ा ह.ै और भारत भिमगत
जल का
तीसरा सबसे बड़ा िनयातक ह ै यही नह भारत म
भिमगत
जल का उपयोग सबसे यादा मा ा म
िकया जाता ह ै जो दिनया
24 ितशत
भर का कल
ह.ै भौितक पानी का अभाव बदतर होता जा रहा ह
एक अनमान
2050 तक दिनयाभर
म
के मतािबक
पानी के अभाव वाले इलाको म रहने वाल क
स ं या बढ़कर 500 करोड़ तक पहच ं सकती ह.ै य
समझना बेहद ज़ री ह ै िक धरती के नीच े मौजद ू
पानी उस टथप
ट क तरह ह ै िजसे िजतनी तेजी स
बाहर िनकाला जा सकता ह ै उतनी ही तेजी से अदर
नह डाला जा सकता ह.ै तो िजस तरह से हम सोच
समझकर पे ट क बोतल पर दबाव डालते ह
िजससे उतना ही पे ट िनकले िजतना हमारे दातो
क
िलए ज़ री ह ै तो पे ट चलता भी बहत ह ै और
हमारी सेहत और म ु कान दोन बनी रहती ह.ै हम
धरती के पानी के इ तेमाल पर भी वैसा ही यान
दनेा होगा.
दश
का कानन ू बोलता ह ै िक आपक िनजी ज ीन
पर भी दो फ ट नीच े तक ही आपका अिधकार
होता ह ै उसके बाद सारी सपि
रा क ह.ै लेिकन
ये बात पानी ख चने वाल पर लाग ू नह होती ह.ै
ऐसे म स त रवैया अपनाना बेहद ज़ री हो जाती
ह ै . और अगर तरत
ं भाव से ऐसा नह िकया तो
पहले तो पानी के अभाव म रोटी स त होगी और
िफर धीरे धीरे वो गायब हो जाएगी य िक धरती
बहत दरे तक आपक रोटी क क मत नह चका
सकती ह.ै <
करके हम िकस तरह धरती के ऊपर और नीच े क
जल को चस ू चके ु ह. खास बात ये ह ै िक इस काम
म शािमल सप ं न रा बड़ी ही चालाक से अपन
यहा ं के ोत को बचाते हए दसर
से हर
दश
सामान आयान करने लगे ह यािन उनके शरीर म
चढ़े हए कपड़ से लेकर उनके पेट म जाने वाल
अनाज तक सब कछ
से आ रहा ह.ै
दसर
दश
सप ं न रा के ित यि ित िदन पानी क
भौितक और आभासी जल के इ तेमाल को दख
तो यएसए
म 7,800 लीटर ितिदन ित यि
पानी इ तेमाल होता ह ै िजसम से 20 फ सद पानी
वो बाहर से िनयात करते ह, वह 3900 लीटर
ितिदन, ित यि इ तेमाल करने वाले जमन ी म
69 फ सद पानी बाहर से आता ह,ै जापान म य
ितशत 77 ह ै तो यके ू अपना महज 25 फ सद
पानी ही इ तेमाल म लाता ह.ै
जो दश
इसे िनयात कर रह े ह उ ह लग रहा ह ै िक
आिथक सप ं नता ही सबसे बड़ी सप ं नता ह ै वो
ाकितक
सप ं नता को लगभग भला
चके ु ह
उसका ही प रणाम ह ै िक उनक िह से क ज़मीन
सख
रही ह ै और लोग के ह ठ यासे होते जा रह े ह.
दरअसल इछावर जैसी जगह जो पानी क भीषण
कमी को झल
रह े ह वहा ं पर गह के उ पादन क
बात ये दशाती ह ै िक हम अभी भी पानी क कमी
को लेकर िकतने सचते ह.ै आज इस गाव ं क म ु य
फसल गह और चना ह.ै पहले गाव ं म मोटे अनाज
क खतेी का चलन था, वार, बाजरा जैसे कम
पानी म होने वाली खतेी हआ करती थी. लेिकन
िफर बाज़ार म गह क माग ं और गह क खपत क
चलते 20 साल पहले से मोटे अनाज का उ पादन
परी ू तरह से ख म हो गया, अब ले द े कर चना ही ह
िजसे उगाया जाता ह.ै गाव ं के लोग जानते ह िक
गह म पानी यादा लगता ह.ै लेिकन अब वो गह पर
इस कदर िनभर हो गए ह िक वो मोटा अनाज खान
तक क क पना नह कर पाते ह. सबह
गाव ं के हर
बािशद ं े क थाली म जो गेह क रोटी होती ह ै िजस
खाकर ब चा कल
और मद अपने काम पर जात
ह. इसी रोटी को खाकर ही औरत खते म काम
करती ह.ै दोपहर के और रात के खाने म भी यही
रोटी होती ह.ै यही गह दश
क नामी िगरामी कपनी
खरीदती ह ै और इसका आटा बनाकर आकषक
लाि टक के बैग म े पैक करके दिनया
को िखलाती
ह.ै हाल ही वचअ
ल वॉटर पर आई वॉटरएड क
रपोट बताती ह ै िक भारत म उगाई जाने वाली
म ु य फसल पर जो पानी हम लगा रह े ह वो भारत
को िकस कदर भािवत कर रहा ह.ै
गह — करीब 22 फ सदी भिमगत
जल क कमी
इसके खाते म जाती ह.ै इसका वैि क औसत वॉटर
फटि
ं ट 1,827 लीटर ित िकलो ाम ह ै धान-
परी ू वैि क िसचाई
का 40 फ सद इसके खाते म
आता ह ै और 17 ितशत वैि क भिमगत
जल
इसम लग जाता ह,ै िजसका औसत वॉटर फटि
ं ट
2,500 लीटर ित िकलो ाम ह.ै वह अगर कपास
जैसी फसल पर लगने वाला पानी को दख
तो
ि थित और बदतर हो जाती ह.ै दरअसल, कपास
भी बहत पानी पीने वाली फसल ह ै िजसम भारी
मा ा म े ल ू िसिचत
जल लगता ह(ैिकसी भी चीज़
का वॉटर फटि
ं ट तीन अलग-अलग कार क
पानी से बनता ह.ै इस सदभ
म ीन वॉटर का
मतलब िम ी क नमी ह.ै ल ू वॉटर वो जो िसचाई
म उपयोग िकया जाता ह ै और तालाब, नदी और
भिमगत
जल ोत से िलया जाता ह.ै और े वॉटर
वो दिषत
पानी ह ै जो तमाम तरह के उ पाद और
सेवाओ ं के बनाए जाने से सबिधत
ं ह.ै) जो सख
वातावरण म लबे ं समय तक नकसान
पहचा
सकता
ह.ै कज़ािक तान और उ बेिक़ तान म फै ला हआ
अरल समदर,
कपास क खतेी के िलए बड़े तर पर
होने वाली िसचाई
क वजह से 1960 से अब तक
80 फ सद तक िसकड़
चका
ह.ै भारत म उगाय
और उ पादन िकये जाने वाले कॉटन के कपड़े का