मई-2019
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मबई
बम ला ट 1993
िजतनी ज दी से ये धमाक िकए गए उतनी ही ज दी पुिलस ने इनकी गु थी सुलझा ली. यह अल हुसैनी
िब डग, माहीम म रहने वाली िकसी मोिबना मेमन क नाम पर रिज टर थी. बम िनरोधक द ते ने जब उस
खोला तो उसम एक 56 राइफल का ज़खीरा िमला. तभी इसी दौरान एक लावा रस कटर िमला िजसम
आरडीए स भरा हुआ था. िक़ मत से वह भी फटा नह था.
अनराग
भार ाज
हा
ल का पलवामा
हमला हो या
कारिगल या िफर 26/11, ऐसी
हर बड़ी आतक
घटना के पीछ
सर ु ा एजिसय का छोटी-छोटी जानका रय पर
समिचत
कारवाई न करना दख
ा गया ह.ै इन
घटनाओ ं के बाद अ सर ही खबर आती ह ै िक
सर ु ा एजिसय को इससे सबिधत
इनपट ु
ं खिफया
पहले ही भजे िदया गया था. साल 1993 के माच म
हए ब बई (मबई)
ंु बम धमाके भी ऐसी ही
लापरवाही का नतीजा थे.
मि ु लम समाज को जान-ओ-माल का काफ़
नकसान
हआ. इस आहत कछ
लोग ने इसका
बदला लेने क ठानी.
पहली चक
जो भारी पड़ी
1992 के दग ं क त तीश के दौरान नौ माच,
1993 को मबई
के नवपाड़ा थाने न
ंु पिलस
बेहरामपाड़ा के छटभय
ै े गल
मोह मद नाम क
आदमी को पकड़ा. पछताछ
के दौरान उसने बताया
िक बाबरी मि जद का बदला लेने के िलए शहर म
बड़े तर पर धमाके होने वाले ह. उसने यह भी
बताया िक वे और कछ
मि ु लम लड़के हिथयार
क ेिनग ं लेने के िलए दबई
और िफर पािक तान
भजेे गए गए थे. बताया जाता ह ै िक पिलस
ने गल
मोह मद क बात को सजीदगी
स
नह
िलया.
उधर, ख़िफ़या
एजिसय को जानकारी िमली थी
िक त करी के ज़ रये मबई
ंु शहर म बड़ी मा ा म
हिथयार लाए गए ह. जब हमलावर को गल
मोह मद के पकड़े जाने क ख़बर हई तो उ ह न
धमाके के समय को आगे िखसका िलया. अ ैल म
िशवराि के िदन होने वाले ये धमाके 12 माच को
कर िदए गए. ये दो छोटी-छोटी जानका रया ं थ
िज ह अगर िमला िलया जाता और और समय
रहते कारवाई क जाती तो शायद धमाके नह होत
धमाके य हए?
जानकार के मतािबक
इसके दो कारण थे. पहला,
छह िदसबर
1992 को अयो या म कारसेवक न
बाबरी मि जद िगरा दी थी. जब लालक ृ ण
आडवाणी सोमनाथ से अपना कारवा ं लेकर
अयो या क तरफ चले तो तब से ही माहौल
िबगड़ने लग गया था. साल 1992 म भी दगे ं हए थ
और तकरीबन 700 लोग मारे गए थे. महारा
सरकार ने 1992 के दग ं क जाच
के िलए ीक ृ ण
आयोग का गठन भी िकया पर उसके सझाव
को
लाग ू करने से पहले ही आयोग को भग ं कर िदया.
जब 1993 म बम धमाके हए तो आयोग का
पनगठन
हआ और इन धमाक को भी जाच
म
शािमल कर िलया गया. पर ता जब ु ह ै िक ीक ृ ण
आयोग ारा िजन नेताओ ं और अफ़सर को उन
दग ं का दोषी पाया गया था उनम से िकसी एक को
भी सज़ा नह हई.
दसरा,
1992 के दग ं म मि ु लम लोग क मौत स
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