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 मई-2019 43 eqf'dy www.ujeshatimes.com कां ेस की यूनतम आय योजना ( याय) को लागू करन म 3.6 लाख करोड़ पये क खच का अनुमान है जो जीडीपी का दो फीसदी और देश क सालाना बजट का करीब 13 फीसदी है. घोषणा म यह साफ नह ह ै िक िजन प रवार को यनतम आय योजना के तहत लाभ िदया जाएगा, उ ह पहले से िमल रह े अ य योजनाओ ं का लाभ या सि सडी िमलेगी या नह . इनका मानना ह ै िक अगर का ं ेस के मोटे-मोटे आकड़ को ही आधार मान ल तो साल म 72000 पये पाच करोड़ प रवार को दनेे म 3.6 लाख करोड़ पये का सालाना खच आएगा. मोटे अनमान के मतािबक, यह दश क कल जीडीपी का दो फ सद और मौजदा वािषक बजट का 13 फ सद ह.ै जािहर ह िक यह एक बहत बड़ी रकम ह.ै अगर इसका कायद े से बधन न िकया गया तो राजकोषीय घाटा बेलगाम होने के साथ पये के अवम ू यन और महगाई जैसी सम याय भी िसर उठाएगी. लेिकन, अथशाि य का एक खमेा यह भी मानता ह ै िक अगर यनतम आय योजना ( याय) क अलावा सरकार अ य सभी तरह क सि सडी बद ं कर द े तो ऐसा करना सभव क ह.ै एक अनमान मतािबक, 2019-20 के िव ीय वष म क याणकारी योजनाओ ं और सि सडी पर सरकार का कल खच 3.27 लाख करोड़ पये था. आिथक जानकार कहते ह िक इस रकम का इ तेमाल यनतम आय योजना म िकया जा सकता ह.ै ऐसा करने पर बजट म इसके िलए अलग से पैस क यव था नह करनी पड़ेगी और राजकोषीय घाटा बढ़ने के दबाव से भी बचा जा सके गा. लेिकन िहसाब म सीधी िदखने वाली यह बात इतनी आसान भी नह ह.ै य िक सरकार ारा दी जाने वाली सि सडी क अगर सभी योजनाओ ं को दख ा जाए तो इनका दायरा काफ यापक होता ह.ै इनम रा ीय वा य िमशन, िश ा िमशन, व छ भारत और मनरे गा जैसी योजनाए ं शािमल ह. इसम गरीबी रे खा से ऊपर क भी तमाम लोग लाभ पाते ह. यनतम आय क अलावा सभी तरह क सि सडी ख म करने से एक ऐसा वग नाराज हो जाएगा, िजसे यनतम आय का लाभ तो िमलेगा नह और उसक परानी सि सडी भी उससे िछन जाएगी. यह राजनीितक िलहाज स एक जोिखम भरा फै सला होगा. हालािक, बहत सी लोक क याणकारी मद म े िपछले साल म जो बजट बढ़ा ह,ै उ ह घटाकर यनतम आय योजना के िलए कछ पैस क यव था ज र क जा सकती ह.ै इस बारे म का ं ेस ने अब तक कोई प बात नह कही ह.ै पव ू इ वे टमट बकर और मौजदा समय म का ं ेस क डाटा एऩॉिलिसस िवग ं क मिखया वीण च वत इन सवाल के जवाब म कहते ह िक दश म क और रा य क सरकार िमलकर लोक क याणकारी काय म पर दिसय लाख करोड़ पये खच कर रही ह. ऐसे म 3.6 लाख करोड़ के खच क यह योजना आराम स और पण ू िव ीय अनशासन के साथ चलाई जा सकती ह.ै < और बहत बड़ी कड़ी के तौर पर दख ते ह. भाजपा सरकार ने भी हाल ही म बजट म िकसान को छह हजार पये सालाना दनेे और कामगार को पशन क योजना का ऐलान िकया था. का ं ेस क ‘ याय’ योजना भी उसी िसलिसले को एक नय तर पर आगे बढ़ाती ह.ै आिथक िवशषे का कहना ह ै िक भाजपा और का ं ेस जैसे बड़ राजनीितक दल ारा लगातार क जा रही ऐसी योजनाओ ं क घोषणा से साफ ह ै िक उदारीकरण और आिथक सधार िसयासत क ाथिमकता म नह रह गए ह. चनाव जीतने क होड़ म राजनीितक दल के पास इतना धयै नह बचा ह ै िक व अथ यव था को कड़वी दवा दनेे का वादा कर चनाव म जाए. ं ऐसे म दोन पािटय िसयासी तौर पर मफ द लेिकन आिथक तौर पर खतरनाक लोकलभावनवाद का रा ता चन ु रही ह. यह तो अथ यव था के ित पािटय का राजनीितक दशन बदलने क बात ह.ै लेिकन, अगर मान िलया जाए िक का ं ेस स ा म आती ह ै तो या दश के किठन िव ीय हालात म इस योजना का भावी ि या यवन सभव ह?ै आिथक जानकार इस बात पर एकमत ह िक यनतम आय गारटी या पीएम िकसान जैसी योजनाय राजकोषीय घाटा बढ़ान वाली ह. कछ अथशा ी तो यहा ं तक मान रह े ह िक अगर का ं ेस क योजना को उसी प म लाग िकया जाए जैसा िक उसने बताया ह ै तो दश का राजकोषीय घाटा पाच फ सद तक पहच ं सकता ह.ै अत ं रम बजट म तमाम लोकलभावन घोषणाओ के बीच मोदी सरकार ने पहले ही राजकोषीय घाटा कम करने का ल य 3.3 से बढ़ाकर 3.4 फ सद कर िदया था. आिथक जानकार और सधार समथक ने इसके िलए भाजपा सरकार क खासी आलोचना क थी. ऐसे म अगर राजकोषीय घाटा पाच फ सद तक पहचा तो इस पर बाजार, िवशषे और रे िटग ं एजिसय क िति या का अदाजा लगाया जा सकता ह.ै का ं ेस क गणना क मतािबक, दश म 12000 से कम कमाने वाल करीब पाच करोड प रवार ह. ित प रवार पाच आदिमय के औसत से इसके लाभािथय क स ं या 25 करोड़ बताई गई ह ै जो दश क जनस ं या का करीब 20 फ सदी बैठती ह.ै अथशाि य म अभी यह सशय ह ै िक का ं ेस इन सभी लोग के िलए इतनी बड़ी योजना को िकस तरह से लाग ू करे गी. इस बारे म प ता होने के बाद ही ठीक से पता चल सके गा िक यह योजना िव ीय और राजकोषीय िलहाज से िकतनी सभव होगी. आिथक जानकार का कहना ह ै िक का ं ेस क