मई-2019
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कां ेस की यूनतम आय
योजना ( याय) को लागू करन
म 3.6 लाख करोड़ पये क
खच का अनुमान है जो जीडीपी
का दो फीसदी और देश क
सालाना बजट का करीब 13
फीसदी है.
घोषणा म यह साफ नह ह ै िक िजन प रवार को
यनतम
आय योजना के तहत लाभ िदया जाएगा,
उ ह पहले से िमल रह े अ य योजनाओ ं का लाभ
या सि सडी िमलेगी या नह . इनका मानना ह ै िक
अगर का ं ेस के मोटे-मोटे आकड़
को ही आधार
मान ल तो साल म 72000 पये पाच
करोड़
प रवार को दनेे म 3.6 लाख करोड़ पये का
सालाना खच आएगा. मोटे अनमान
के मतािबक,
यह दश
क कल
जीडीपी का दो फ सद और
मौजदा
वािषक बजट का 13 फ सद ह.ै जािहर ह
िक यह एक बहत बड़ी रकम ह.ै अगर इसका
कायद े से बधन
न िकया गया तो राजकोषीय
घाटा बेलगाम होने के साथ पये के अवम ू यन
और महगाई
जैसी सम याय भी िसर उठाएगी.
लेिकन, अथशाि य का एक खमेा यह भी मानता
ह ै िक अगर यनतम
आय योजना ( याय) क
अलावा सरकार अ य सभी तरह क सि सडी बद ं
कर द े तो ऐसा करना सभव
क
ह.ै एक अनमान
मतािबक,
2019-20 के िव ीय वष म
क याणकारी योजनाओ ं और सि सडी पर
सरकार का कल
खच 3.27 लाख करोड़ पये था.
आिथक जानकार कहते ह िक इस रकम का
इ तेमाल यनतम
आय योजना म िकया जा
सकता ह.ै ऐसा करने पर बजट म इसके िलए अलग
से पैस क यव था नह करनी पड़ेगी और
राजकोषीय घाटा बढ़ने के दबाव से भी बचा जा
सके गा. लेिकन िहसाब म सीधी िदखने वाली यह
बात इतनी आसान भी नह ह.ै य िक सरकार
ारा दी जाने वाली सि सडी क अगर सभी
योजनाओ ं को दख
ा जाए तो इनका दायरा काफ
यापक होता ह.ै इनम रा ीय वा य िमशन,
िश ा िमशन, व छ भारत और मनरे गा जैसी
योजनाए ं शािमल ह. इसम गरीबी रे खा से ऊपर क
भी तमाम लोग लाभ पाते ह. यनतम
आय क
अलावा सभी तरह क सि सडी ख म करने से एक
ऐसा वग नाराज हो जाएगा, िजसे यनतम
आय का
लाभ तो िमलेगा नह और उसक परानी
सि सडी
भी उससे िछन जाएगी. यह राजनीितक िलहाज स
एक जोिखम भरा फै सला होगा. हालािक,
बहत सी
लोक क याणकारी मद म े िपछले साल म जो
बजट बढ़ा ह,ै उ ह घटाकर यनतम
आय योजना
के िलए कछ
पैस क यव था ज र क जा सकती
ह.ै इस बारे म का ं ेस ने अब तक कोई प बात
नह कही ह.ै पव ू इ वे टमट बकर और मौजदा
समय म का ं ेस क डाटा एऩॉिलिसस िवग ं क
मिखया
वीण च वत इन सवाल के जवाब म
कहते ह िक दश
म क और रा य क सरकार
िमलकर लोक क याणकारी काय म पर दिसय
लाख करोड़ पये खच कर रही ह. ऐसे म 3.6
लाख करोड़ के खच क यह योजना आराम स
और पण ू िव ीय अनशासन
के साथ चलाई जा
सकती ह.ै <
और बहत बड़ी कड़ी के तौर पर दख
ते ह. भाजपा
सरकार ने भी हाल ही म बजट म िकसान को छह
हजार पये सालाना दनेे और कामगार को पशन
क योजना का ऐलान िकया था. का ं ेस क
‘ याय’ योजना भी उसी िसलिसले को एक नय
तर पर आगे बढ़ाती ह.ै आिथक िवशषे का
कहना ह ै िक भाजपा और का ं ेस जैसे बड़
राजनीितक दल ारा लगातार क जा रही ऐसी
योजनाओ ं क घोषणा से साफ ह ै िक उदारीकरण
और आिथक सधार
िसयासत क ाथिमकता म
नह रह गए ह. चनाव
जीतने क होड़ म राजनीितक
दल के पास इतना धयै नह बचा ह ै िक व
अथ यव था को कड़वी दवा दनेे का वादा कर
चनाव
म जाए. ं ऐसे म दोन पािटय िसयासी तौर
पर मफ
द लेिकन आिथक तौर पर खतरनाक
लोकलभावनवाद
का रा ता चन ु रही ह. यह तो
अथ यव था के ित पािटय का राजनीितक दशन
बदलने क बात ह.ै लेिकन, अगर मान िलया जाए
िक का ं ेस स ा म आती ह ै तो या दश
के किठन
िव ीय हालात म इस योजना का भावी
ि या यवन सभव
ह?ै आिथक जानकार इस बात
पर एकमत ह िक यनतम
आय गारटी
या पीएम
िकसान जैसी योजनाय राजकोषीय घाटा बढ़ान
वाली ह. कछ
अथशा ी तो यहा ं तक मान रह े ह
िक अगर का ं ेस क योजना को उसी प म लाग
िकया जाए जैसा िक उसने बताया ह ै तो दश
का
राजकोषीय घाटा पाच
फ सद तक पहच ं सकता ह.ै
अत ं रम बजट म तमाम लोकलभावन
घोषणाओ
के बीच मोदी सरकार ने पहले ही राजकोषीय घाटा
कम करने का ल य 3.3 से बढ़ाकर 3.4 फ सद
कर िदया था. आिथक जानकार और सधार
समथक ने इसके िलए भाजपा सरकार क खासी
आलोचना क थी. ऐसे म अगर राजकोषीय घाटा
पाच
फ सद तक पहचा
तो इस पर बाजार,
िवशषे और रे िटग ं एजिसय क िति या का
अदाजा
लगाया जा सकता ह.ै का ं ेस क गणना क
मतािबक,
दश
म 12000 से कम कमाने वाल
करीब पाच
करोड
प रवार ह. ित प रवार पाच
आदिमय के औसत से इसके लाभािथय क
स ं या 25 करोड़ बताई गई ह ै जो दश
क
जनस ं या का करीब 20 फ सदी बैठती ह.ै
अथशाि य म अभी यह सशय
ह ै िक का ं ेस इन
सभी लोग के िलए इतनी बड़ी योजना को िकस
तरह से लाग ू करे गी. इस बारे म प ता होने के बाद
ही ठीक से पता चल सके गा िक यह योजना िव ीय
और राजकोषीय िलहाज से िकतनी सभव
होगी.
आिथक जानकार का कहना ह ै िक का ं ेस क