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का ं ेस क यनतम
आय योजना
आिथक जानकार सवाल उठा रहे ह िक इस बात का िनधारण कसे िकया जाएगा िक िकस प रवार
की आय 12 हजार मािसक से कम है. जािहर है िक इसक िलए सरकारी अमले की ही मदद लेनी
पड़गी और माण प बनवाने जैसी कवायद होगी. जो इस योजना और लाभािथय क बीच म दलाल
और सरकारी टाचार की एक नई फौज खड़ी कर देगी.
अनराग
श ु ला
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माच, सोमवार. का ं ेस
कायसिमित क बैठक क
बाद राहल गाधी
जब ेस
का स म आए तो शायद ही िकसी को अदाजा
रहा हो िक वे 2019 के लोकसभा चनाव
का
सभवतः
सबसे बड़ा वादा करने जा रह े ह. उ ह न
स का स म यनतम
आय योजना ( याय) क
घोषणा क . राहल गाधी
ने कहा िक अगर का ं ेस
क क स ा म आती ह ै तो महीने म 12000 पय
से कम आय वाले प रवार को सालाना 72 हजार
पये यानी हर महीने छह हजार पये तक क
आिथक मदद दी जाएगी. राहल गाधी
ने यनतम
आय गारटी
क बात पहली बार क हो, ऐसा नह
ह.ै इसी साल अत ं रम बजट आने के पहले जब
जानकार म इस बात क सगबगाहट
थी िक मोदी
सरकार बजट म िकसी बड़ी लोकलभावन
योजना
क घोषणा कर सकती ह,ै तब उ ह ने छ ीसगढ़
क एक जनसभा म कहा था िक क म का ं ेस क
सरकार आने पर गरीबी रे खा से नीच े के लोग को
एक िनि त रकम हर महीने दी जाएगी. लेिकन तब
तक इसका कोई ठोस व प सामने नह आया था.
ऐसी ही कोई योजना भाजपा क ओर से आ जान
क भी चचा थी. लेिकन अब लोकसभा चनाव
का चार चल रहा ह.ै पहले चरण के चनाव
क
िलए नामाकन
ह.ै ऐसे म
भरने ि या श ु हो चक
का ं ेस ने यनतम
आय गारटी
क अमत ू बहस को
एक बड़े िसयासी वाद े म त दील कर िदया
ह.ै
भाजपा ने का ं ेस क इस घोषणा को ‘चाद-तार
तोड़ लाने’ के वाद े जैसा बताते हए इसे दश
क
जनता के साथ धोखा कहा ह.ै चनावी
घोषणाओ
पर राजनीितक दल के ऐसे आरोप- यारोप
चलते ही रहते ह. असल सवाल यह ह ै िक इस
भारी-भरकम योजना के िलए पैसा कहा ं स
आएगा? जन-क याण के नाम पर योजनाओ ं क
भरमार के कारण अथशा ी पहले से ही
राजकोषीय घाटा बढ़ने क चतेावनी द े रह े ह. ऐस
म का ं ेस क यह ‘ याय’ ( यनतम
गारटी
योजना)
योजना दश
क िव ीय सेहत के साथ िकतना
याय कर पाएगी? आिथक जानकार का ं ेस क
इस बड़े चनावी
वाद े को भारतीय
िसयासत
म
लोकलभावनवा
द क वापसी
क एक नई
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