The Progress Of Jharkhand #46 | Page 21

ववज्ञान ववश्व प्रससद्ध भारिीि वैज्ञावनक  सुमेधा शरण (संकिन) ह मारे दे श में समय – समय पर ऐसे महान िोगो ने जन्म लिया है लजन्होंने हमारे दे श का नाम पूरे प्रवश्व में ऊँचा प्रकया है . इन महान िोगो ने न प्रसर्फ भारत को बल्कक पूरे प्रवश्व को अपनी िप्रतभा का पिरचय प्रदया है . ऐसे ही महान िोगो में शुमार है हमारे दे श के 7 िप्रसद्ध महान वैज्ञाप्रनक, लजन्होंने प्रवज्ञान के क्षेत्र में इस दुप्रनया को नयी खोज दी. इस िेख में हम आपके साथ उन सात महान वैज्ञाप्रनको के बारे में जानकारी दे रहे है , जो अपनी िप्रतभा के कारण पूरे प्रवश्व में मशहर है . 1. चंाशेखर वेंकट रमन भौप्रतकी में नोबेि पुरस्कार (Nobel Prize) पाने वाि सर चंाशेखर वेंकट रमन का जन्म तप्रमिनािु के प्रतरुप्रचरापल्ली शहर में 7 नवम्बर सन 1888 को हुआ था. इनके प्रपता का नाम चंाशेखर अय्यर व माता का नाम पावफती अम्मा था। रमन के प्रपता भौप्रतक प्रवज्ञान व गलणत के टीचर थ लजस कारण उनकी कई प्रकताबें रमन न पढना शुरू कर प्रदया. लजसका र्ि इन्हें आगे जाकर प्रमिा और इन्होन स्पेक्ीम (Spectrum) से संबंप्रधत रमन िभाव (Raman effect) का आप्रवष्ट्कार प्रकया. इसी के चिते इन्हें सन 1930 म भौप्रतकी का नोबेि पुरस्कार प्रमिा. भारत सरकार ने प्रवज्ञान के क्षेत्र म बहुमूकय योगदान के लिए दे श का सवोच्च नागिरक सम्मान ‘ भारत रत्न ’ प्रदया. साथ ही संय क्त राष्ट्र संघ ने भी भी उन्ह िप्रतप्रष्ठत ‘िेप्रनन शांप्रत पुरस्कार’ स सम्माप्रनत प्रकया. सर रमन ने िमुख रूप से िकाश के िकीणफन , रमण िभाव, तबिे और मृदंगम के संनादी (हामोप्रनक) की िकृप्रत की खोज की. बेंगिुरू में सर सी. वी रमन ने रमन िरसच इंस्टीटयूट की स्थापना की. 2. हरगोचवद खुराना प्रचप्रकत्सा में नोबेि पुरस्कार प्रवजेता िॉ हरगोचवद खुराना को जीन की संश्ल ष ण (Gene Synthesis) के लिए पूरे प्रवश्व में जाना जाता है . इसका जन्म 9 जनवरी 1922, रायपुर , मुकतान (अब पाप्रकस्तान में) में हुआ था. हरगोचवद खुराना का जन्म एक गरीब पिरवार म हुआ था पर हरगोचवद खुराना ने हमेशा ही अपनी पढाई पर धयान प्रदया. जेन प्र े टक कोि को समंने और िोटीन संश्ल ष ण में महत्वपूणफ भूप्रमका के लिए सन 1968 में िॉ खुराना को प्रचप्रकत्सा प्रवज्ञान का नोबि पुरस्कार िदान प्रकया गया. यह पुरस्कार िॉ खुराना को दो अमेिरकी वैज्ञाप्रनकों िॉ. राबटफ होिे और िॉ. माशफि प्रनरेनबगफ के साथ सांा प्रदया गया. इनको बताया था की िी. एन. ए. िोटीन्स का संश्ल ष ण प्रकस िकार से करता है. अमेिरका ने उन्हें ‘नेशनि एकेिमी ऑफ़ साइंस ’ की सदस्यता भी िदान की है. इनका प्रनधन 9 नवम्बर 2011 को हुआ. 3. सुब्रमण् यम चंाशेखर सन 1983 में भौप्रतकी में नोबि पुरस्कार स सम्माप्रनत बीसवीं सदी के महानतम वैज्ञाप्रनकों म शुमार सुब्रमण् यम चंाशेखर का जन्म 10 अक्टू बर सन 1910 को िाहौर में हुआ था. सुब्रमण् यम चंाशेखर को तारों पर की गयी अपनी खोज के लिये जाना जाता है . इन्होन खगोिशास्त्र, भौप्रतकी और मैथ के क्षेत्र में बहुत ही बेहतरीन कायफ प्रकये. सुब्रमण् यम चंाशेखर भारत के महान वैज्ञाप्रनक व द प्रोग्रेस ऑफ़ झारखण्ड (माससक) । 21