विधायिका रहित संघ राज्यक्षेत्ों के लिए साझाकरण पद्धति( पैटर्न) 100 % केंद्रीय हिससा है ।
उन्होंनरे बताया कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए मैधट्कोत्र छात््ृधत् योजना
का उद्देशय मैधट्कोत्र या उच्च माधयधमक सतर पर अधययन कर रहरे अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा पूरी करनरे में सक्षम बनानरे के लिए वित्ीय सहायता प्रदान करना है । माता-पिता की आय सभी स्ोतों को मिलाकर 2.50 लाख रुपए प्रति वर्ष सरे अधिक नहीं होनी चाहिए । शैक्षणिक संस्थानों द्ारा लिए जानरे वालरे अनिवार्य शुलक की प्रतिपूर्ति संबंधित राजय शुलक निर्धारण समिति द्ारा निर्धारित सीमा के अधीन की जाती है और अधययन के पाठ्यरिम के आधार पर 230
रुपए सरे 1200 रुपए प्रति माह की छात््ृधत् राशि का भुगतान किया जाता है । यह योजना राजय सरकारों और संघ राजयक्षरेत् के प्रशासनों द्ारा कार्यान्वित की जाती है ।
उन्होनरे बताया कि पू्वोत्र और हिमाचल
प्रदरेश, उत्राखंड और जममू-कशमीर जैसरे पहाड़ी राजयों एवं संघ राज्यक्षेत्ों जहां यह अनुपात 90:10 है को छोड़कर, सभी राजयों के लिए केंद्र और राजयों के बीच ध्त्पोषण अनुपात 75:25 है । विधायिका रहित संघ राज्यक्षेत्ों के लिए साझाकरण पद्धति( पैटर्न) 100 % केंद्रीय हिससा है ।
उन्होंनरे बताया कि जनजातीय अनुसंधान संस्थानों( टीआरआई) को सहायता योजना सरे राजय सरकारों को जहां पहलरे सरे नए टीआरआई स्थापित नहीं हैं, वहां उनकी स्थापना करनरे के
लिए सहायता प्रदान करता है और मौजूदा टीआरआई के कामकाज को सुदृढ करनरे हरेतु अनुसंधान और दस्तावेजीकरण, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, समृद्ध जनजातीय विरासत को िढ़ा्ा दरेनरे आदि के प्रति अपनी मुखय जिम्मेदारी निभानरे के लिए सहायता प्रदान करता है । जनजातीय कला और संसकृधत को संरक्षित करनरे के लिए, अनुसंधान और दस्तावेजीकरण, कला और कलाकृतियों के रखरखाव और संरक्षण, जनजातीय संग्हालय की स्थापना, जनजातियों के लिए राजय के अन्य हिससों में आदान-प्रदान यात्ाएं, जनजातीय तयोहारों के आयोजन आदि के माधयम सरे दरेश भर में जनजातीय संसकृधत और विरासत को संरक्षित करनरे और िढ़ा्ा दरेनरे के लिए ध्धभन् गतिविधियां करनरे हरेतु टीआरआई को वित्ीय सहायता प्रदान की जाती है । इस योजना के तहत जनजातीय कार्य मंत्ालय द्ारा शीर्ष समिति के अनुमोदन सरे आवशयकता के आधार पर टीआरआई को 100 % सहायता अनुदान ध्त् पोषित है ।
उन्होंनरे बताया कि राजय एवं संघ राज्यक्षेत्ों को प्रशासनिक लागत योजना राजयों एवं संघ राजय क्षरेत्ों के माधयम सरे धरियान्वित की जा रही है । इस योजना के तहत, सभी राजयों एवं संघ राजय क्षरेत्ों को एक पीएमयू स्थापित करना होगा जो जनजातियों के विकास और कलयार हरेतु मंत्ालय की सभी योजना( सकीम) पहलों के कार्यान्वयन में सहायता कररेगा । परियोजना प्रबंधन इकाई में विशरेषज्ों का एक समूह होगा, जिनके पास ध्धभन् काय्णरिमों और योजनाओं की सहायता और दक्षता में सुधार के लिए आवशयक तकनीकी विशरेषज्ता होगी । राजय एवं संघ राजयक्षरेत् काय्णरिम प्रबंधन इकाई की स्थापना जनजातीय लोगों के विकास और कलयार के लिए जनजातीय कार्य मंत्ालय द्ारा ध्त्पोषित और समधथि्णत ध्धभन् योजनाओं की प्रभावी योजना, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए की गई है । इसका उद्देशय योजना के कार्यान्वयन की कुशलता का विश्लेषण करना भी है, ताकि भविष्य में सुधार के लिए इनपुट उपलबध कराए जा सकें । �
flracj 2025 47