समाचार सार
अनुसूचित जनजाति के लिए मैधट्क-पूर्व छात््ृधत्, अनुसूचित जनजाति के लिए मैधट्कोत्र छात््ृधत्, विशरेष रूप सरे कमजोर जनजातीय समूहों( पीवीटीजी) का विकास एवं प्रधानमंत्ी जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान( पीएम-जनमन), जनजातीय अनुसंधान संस्थान को सहायता, परियोजना प्रबंधन इकाइयों के लिए प्रशासनिक सहायता और प्रधानमंत्ी आदि आदर्श ग्ाम योजना( पीएमएएजीवाई) को धरती आबा जनजातीय ग्ाम उतकष्ण अभियान( डीएजरेजीयूए) के रूप में नवस्रूपित किया गया, जो प्रधानमंत्ी वनबंधु कलयार योजना( पीएमवीकेवाई) के अमब्रेला( छत्) के अंतर्गत कलयारकारी योजना हैं ।
केन्द्रीय जनजातीय कार्य राजय मंत्ी श्री दुर्गादास उइके नरे लोकसभा को बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्ाम उतकष्ण अभियान 2 अ्टूिर, 2024 को शुरू हुआ थिा । इस अभियान में 17 संबंधित( लाइन) मंत्ालयों द्ारा कार्यान्वित 25 उपाय शामिल हैं और इसका उद्देशय पांच ्षषों में 30 राजयों एवं संघ राज्यक्षेत्ों के 549 जिलों और 2,911 ब्लॉकों में 5 करोड़ सरे अधिक जनजातियों को लाभान्वित करतरे हुए 63,843 गांवों में अवसंरचना संबंधी अंतरों को कम करना, स्ासथय, शिक्षा, आंगनवाड़ी सुविधाओं तक िरेहतर पहुँच और आजीविका के अवसर प्रदान करना है । इस अभियान का कुल बजटीय परिवयय 79,156 करोड़ रुपए है I
केन्द्रीय जनजातीय कार्य राजय मंत्ी उइके नरे बताया कि केंद्र सरकार नरे 15 नवंबर 2023 को प्रधानमंत्ी जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान( पीएम-जनमन) शुरू किया, जिसरे जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है । लगभग 24,000 करोड़ रुपए के वित्ीय परिवयय वालरे इस मिशन का उद्देशय तीन ्षषों में समयबद्ध तरीके सरे पीवीटीजी परिवारों और बससतयों को
अनुसूचित जनजाति करे छात्रों करे लिए ययोजनाएं
सुरक्षित आवास, स्चछ परेयजल और स्चछता, शिक्षा, स्ासथय और पोषण तक िरेहतर पहुँच, सड़क और दूरसंचार समपक्क, गैर-विद्ुतीकृत घरों का विद्ुतीकरण और स्थायी आजीविका के अवसर जैसी बुनियादी सुविधाओं सरे परिपूर्ण करना है ।
उन्होंनरे बताया कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए मैधट्क-पूर्व छात््ृधत् योजना कक्षा नौ सरे बारह कक्षा में पढ़नरे वालरे विद्यार्थियों के लिए लागू है । माता-पिता की आय सभी स्ोतों को मिलाकर 2.50 लाख रुपए प्रति वर्ष सरे अधिक
नहीं होनी चाहिए । दिवा छात्ों को 225 रुपए प्रति माह और छात्ा्ास में रहनरे वालों को 525 रुपए प्रति माह की छात््ृधत् वर्ष में दस माह की अवधि के लिए दी जाती है ।
उन्होंनरे बताया कि छात््ृधत् राजय सरकार एवं संघ राजयक्षरेत् प्रशासन के माधयम सरे वितरित की जाती है । पू्वोत्र और हिमाचल प्रदरेश, उत्राखंड और जममू-कशमीर जैसरे पहाड़ी राजयों एवं संघ राज्यक्षेत्ों जहां यह अनुपात 90:10 है को छोड़कर, सभी राजयों के लिए केंद्र और राजयों के बीच ध्त्पोषण अनुपात 75:25 है ।
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