एससी-एसटी एक्ट में फजजी मुकदमरे दर्ज करानरे वालरे अधिवक्ता कयो आजीवन कारावास
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति( अतयाचार निवारण) अधिनियम-1989( एससी-एसटी ए्ट) एवं बलातकार जैसरे आरोप में िजटी मुकदमरे दर्ज करानरे के मामलरे में एक अधध््ता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई गई I अधध््ता का नाम परमानंद गुपता है, जिसरे लखनऊ स्थित एससी-एसटी ए्ट के विशरेष न्यायाधीश ध््रेकानंद शरण धत्पाठी नरे आजीवन कारावास की सजा सुनानरे के साथि ही 5 लाख 10 हजार रुपए का अथि्णदंड भी लगाया है । न्यायालय नरे आरोपी अधध््ता के न्यायिक कार्य को भी प्रतिबंधित कर दिया और अपनरे आदरेश की प्रतिलिपि बार काउंसिल आफ उत्र प्रदरेश इलाहाबाद को भरेजी है I
मामलरे में अभियोजन की तरफ सरे उपस्थित विशरेष लोक अभियोजक अरविंद मिश्रा के अनुसार थिाना विभूति खंड के एसीपी राधारमन सिंह नरे अभियु्त परमानंद गुपता एवं पूजा रावत के विरुद्ध न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया थिा । परिवाद में बताया गया कि आरोपी परमानंद गुपता का संपधत् को लरेकर कुछ लोगों सरे न्यायालय में विवाद चल रहा थिा । आरोपी की पत्ी बयूटी पार्लर चलाती थिी । उसके यहां अनुसूचित जाति की पूजा रावत नामक महिला भी सहायिका के रूप मरे काम करती थिी । आरोपी नरे पूजा रावत के अनुसूचित जाति का फायदा उठातरे हुए उसके माधयम सरे अपनरे विरोधियों के विरुद्ध एससी-एसटी ए्ट, बलातकार एवं छेड़छाड़ के कई मुकदमरे दर्ज कराए, जो जांच मरे िजटी पाए गए I इसी दौरान पूजा रावत नरे न्यायालय के माधयम सरे अरविंद यादव एवं उसके परिवार वालों के विरुद्ध बलातकार एवं एससी-एसटी ए्ट का मुकदमा दर्ज कराया ।
पुलिस द्ारा की गई जांच में पता चला कि
घटना वाली समयावधि में पूजा रावत की उपस्थिति घटनास्थल पर नहीं थिी और न ही आरोपियों की उपस्थिति घटनास्थल पर पाई गई । साथि की इस घटना का कोई स्तंत् गवाह भी आरोपियों द्ारा नहीं परेश किया गया । पुलिस के अनुसार आरोपी अधध््ता परमानंद गुपता की पत्ी संगीता गुपता का जिस मकान को लरेकर विवाद चल रहा थिा, उस मकान पर उस समय उसका स्ाधमत् नहीं थिा और उस मकान पर कबजा करनरे की नियत सरे उसनरे पूजा रावत को किराए पर दरेनरे का िजटी एग्ीमेंट भी बनवाया थिा । परमानंद गुपता द्ारा 18 एवं पूजा रावत द्ारा 11 िजटी मुकदमरे दर्ज कराए गए, जिसके बाद उच्च न्यायालय नरे इसी वर्ष 5 मार्च को मामलरे
की सीबीआई जांच करानरे का निर्णय दिया थिा ।
लरेधकन इसी दौरान आरोपिता पूजा रावत नरे न्यायालय में क्षमादान का प्राथि्णना पत् दरेतरे हुए घटना के बाररे में न्यायालय को सच्चाई बतातरे हुए कहा कि वह रोजगार के सिलसिलरे में गोरखपुर सरे लखनऊ आई थिी । यहां आनरे पर वह आरोपी की पत्ी के पार्लर में काम करनरे लगी थिी । इसके बाद आरोपी और उसकी पत्ी नरे उसरे अपनरे जाल में फंसा लिया । बाद में परमानंद गुपता के दबाव मरे उसनरे उ्त झूठे मुकदमरे दर्ज कराए थिरे । न्यायालय नरे उसके क्षमादान प्राथि्णना पत् को स्ीकार करतरे हुए सशर्त दोषमु्त करतरे हुए जरेल सरे रिहा करनरे का आदरेश दरे दिया । �
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