भुवनेशवर एजेंडा-2025
करती हैं तथिा सं्रेदनशील मुद्ों पर आम सहमति बनानरे में मदद करती हैं । श्री बिरला नरे बताया कि हमारी संस्थाओं की इसी ताकत सरे भारत नरे अपनी नीतियों को वासतध्क सशक्तकरण में बदला है, जैसा कि हाशिए पर पड़े समुदायों के नरेताओं के स्वोच्च पदों तक पहुँचनरे में परिलक्षित होता है ।
उन्होंनरे इस बात पर ज़ोर दरेतरे हुए कि क़ानून के समक्ष समानता, क़ानूनों का समान संरक्षण और सामाजिक, आधथि्णक व राजनीतिक न्याय की गारंटी दरेनरे वालरे संवैधानिक प्रावधान भारत की प्रगति की आधारशिला हैं, कहा कि संविधान की उद्देशिका में निहित यह आदर्श शासन की कसौटी और संस्थाओं के लिए मार्गदशटी सिद्धान्त बनरे हुए हैं । उन्होंनरे यह भी कहा कि जब समानता और न्याय के सिद्धांत अंतिम वयस्त तक पहुँचेंगरे, तभी लोकतंत् साथि्णक और सश्त होगा ।
लोकसभा अधयक्ष बिरला नरे कहा कि पिछलरे साढ़े सात दशकों सरे भारत में सबसरे वंचित ्गषों
को सश्त बनानरे का निरंतर प्रयास किया जा रहा है । आज, सार्वजनिक क्षेत्र के उपरिम, वित्ीय संस्थान और राष्ट्ीय शिक्षा नीति जैसरे शैक्षिक सुधारों के माधयम सरे सभी अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए अवसरों का विसतार किया जा रहा है । उन्होंनरे इस बात पर ज़ोर दिया कि शिक्षा और सामाजिक न्याय साथि-साथि चलतरे हैं, तथिा कमज़ोर ्गषों के अधिकारों की रक्षा दरेश के नीतिगत एजेंडा के केंद्र में होना चाहिए ।
श्री बिरला नरे विश्ास वय्त किया कि इस सम्मेलन में साथि्णक संकलप, वया्हारिक सुझाव और नवीन विचार रखरे जाएंगरे जिनसरे सामाजिक न्याय सुधनसशचत करनरे में समितियों की भूमिका और सुदृढ़ होगी । उन्होंनरे कहा कि यहां होनरे वालरे विचार-विमर्श सरे एक समा्रेशी और समतामूलक समाज के लिए भावी रणनीति तैयार होगी और 2047 तक सभी के लिए न्याय, समानता और सममान के मूलयों पर आधारित
विकसित भारत के सपनरे को साकार करनरे में मदद मिलरेगी । उन्होंनरे आशा वय्त की कि सम्मेलन के निष्कर्ष अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कलयार के लिए दीर्घकालिक नीति निर्माण में मार्गदर्शन प्रदान करेंगरे ।
लोकसभा अधयक्ष बिरला नरे जोर दिया कि केन्द्र और राजय सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि कलयारकारी योजनाएं समाज के अंतिम वयस्त, विशरेषकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों तक पहुँच सकें । ऐसरे समन्वित प्रयासों सरे ही विकास और प्रगति का सच्चा लाभ मिल सकता है । उन्होंनरे प्रत्येक राजय विधानसभा द्ारा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कलयार के लिए समर्पित समितियों के गठन की ततकाल आवशयकता पर भी बल दिया, ताकि इन समुदायों सरे संबंधित मुद्ों पर सपष्ट और निरंतर धयान दिया जा सके ।
32 flracj 2025