कवर स्टोरी
स्ीकार करनरे के लिए तैयार नहीं थिरे कि संविधान में धारा-370 को शामिल किया जाए । अनुचछेद 306ए( जो बाद में अनुचछेद-370 बना) भारतीय संविधान के 1948 के मसौदा का हिससा नहीं थिा । इसरे 17 अ्टूिर 1949 को संविधान सभा में परेश किया गया और चर्चा के लिए स्ीकार किया गया । मसौदा अनुचछेद में घोषणा की गई थिी कि भारत का संविधान भारत और जममू-कशमीर द्ारा हसताक्षरित विलय पत् की शतषों के अनुसार जममू और कशमीर राजय पर लागू होगा । हसताक्षरित विलय पत् में उन शतषों को ररेखांकित किया गया थिा, जिनके तहत जममू-कशमीर भारतीय संघ का हिससा बना । परिणामस्रूप, जममू-कशमीर को भारत की संघीय वय्स्था के अंतर्गत उच्च सतर की स्ायत्ता प्रदान की गई । इसके अतिरर्त, मसौदा अनुचछेद में एक अधद्तीय जममू-कशमीर संविधान का मसौदा तैयार करनरे के उद्देशय सरे जममू-कशमीर संविधान सभा की स्थापना का प्रावधान किया गया । इस सभा को यह निर्धारित करनरे का अधिकार थिा कि भारतीय संविधान के कौन सरे प्रावधान भविष्य में राजय पर लागू होंगरे । अंत में संविधान सभा नरे 17 अ्टूिर 1949 को बिना किसी संशोधन के मसौदा अनुचछेद को अपना लिया ।
लरेधकन संविधान में धारा-370 शामिल किए जानरे के दुष्परिणाम भारत आज भी भुगत रहा है । जममू एवं कशमीर में अलगावाद, आतंकवाद, हिन्दुओं की हतया एवं अन्य भारत विरोधी गतिविधियां दरेश के कालरे इतिहास में दर्ज हो चुकी हैं । धारा-370 नरे जममू-कशमीर के भारतीय संघ में पूर्ण एकीकरण में बाधा डाली, अलगाववाद की भावना पैदा की और राजय के विकास को बाधित किया । इसके कारण राजय में महिलाओं, दलितों और हाशियरे पर स्थित अन्य समूहों के विरुद्ध भरेदभाव किया जाता रहा और शासन में पारदर्शिता और जवाबदरेही की कमी पैदा हुई । इसका लाभ भ्ष्टाचार में लिपत राजनरेताओं, अधिकारियों एवं अन्य दरेश विरोधी तत्ों नरे उठाया ।
केंद्र में प्रधानमंत्ी मोदी के नरेतृत् में सरकार
गठित होनरे के बाद आरमभ हुए प्रयासों के बाद 6 अगसत 2019 को संसद के दोनों सदनों की सिफारिश पर राष्ट्पति के आदरेश के माधयम सरे संविधान के धारा-370 को प्रभावी रूप सरे निरसत कर दिया गया । इसके बाद भी कांग्रेस सहित उनके सहयोगी दल पुनः धारा-370 को लागू करनरे का अभियान चलातरे आ रहरे हैं । कांग्रेस नरेता राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि आखिर किन हितों की पूर्ति के लिए उनकी सरकार नरे धारा-370 को संविधान में थिोपा थिा?
इंदिरा गांधी ने रौंदा संविधान को
बाबा साहब डा. आंिरेडकर के जिस संविधान को जरेि में रखकर कांग्रेस नरेता राहुल गांधी घूमतरे हुए दिखाई दरेतरे हैं, उस संविधान को कांग्रेस
सरकार की पूर्व प्रधानमंत्ी इंदिरा गांधी नरे रौंदा थिा । यह भी कांग्रेस नरेता राहुल गांधी को पता होना चाहिए । 25 जून, 1975 को पूर्व प्रधानमंत्ी इंदिरा गांधी नरे दरेश पर आपातकाल थिोपकर प्ररेस की स्तंत्ता सहित लोगों के मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया थिा । इंदिरा गांधी नरे आपातकाल इसलिए लगाया थिा ्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जगमोहन सिन्हा नरे रायबररेली संसदीय सीट सरे उनके चुनाव को अमान्य कर दिया थिा । न्यायालय नरे उन्हें चुनावी कदाचार का दोषी पातरे हुए उन्हें छह साल के लिए निर्वाचित पद धारण करनरे सरे रोक दिया थिा । आपातकाल की घोषणा के बाद ततकालीन सरकार द्ारा सत्ा का घोर दुरुपयोग किया गया तथिा भारत के
24 flracj 2025