Sept 2025_DA | Page 23

की । कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्ी पी. वी. नरसिंघराव के कार्यकाल में 1992 में राष्ट्ीय अलपसंखयक आयोग अधिनियम के तहत राष्ट्ीय अलपसंखयक आयोग की स्थापना केंद्र सरकार द्ारा बनाए गए कानूनों के तहत की गई । हालांकि अलपसंखयक आयोग में मुससलमों के साथि ही बौद्ध, ईसाई, जैन, सिख और पारसी वर्ग के कलयार के दा्रे भी किए गए । लरेधकन इसका वासत् में लाभ मुससलमों को ही मिला ।
महिलाओं को समान अधिकार मिला संविधान में
भारतीय संविधान नरे सभी महिलाओं को कई मौलिक अधिकार दिए हैं । इसमें समानता का अधिकार( अनुचछेद-14) सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समानता और कानूनों के समान संरक्षण की गारंटी दरेता है, जिसमें महिला भी शामिल हैं । भरेदभाव का निषरेध( अनुचछेद-15) के माधयम सरे किसी भी नागरिक के साथि केवल धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान आदि के आधार पर भरेदभाव को निषरेध किया गया है । महिलाओं के लिए विशरेष प्रावधान( अनुचछेद-15( 3)) के माधयम सरे महिलाओं और बच्चों के कलयार के लिए विशरेष प्रावधान की वय्स्था की गई है । अवसर की समानता( अनुचछेद-16) के माधयम सरे सार्वजनिक रोजगार के मामलों में सभी को अवसर की समानता की गारंटी दरेता
है, जिससरे लिंग आधारित भरेदभाव रोका जा सके । समान कार्य के लिए समान ्रेतन( अनुचछेद-39( घ)) यह सुधनसशचत करता है कि पुरुष और सत्ी को समान काम के लिए समान ्रेतन मिलरे । प्रसूति सहायता( अनुचछेद-42) महिलाओं को प्रसूति राहत प्रापत करनरे की वय्स्था का अधिकार दरेता है, जिससरे उनके कलयार को िढ़ा्ा मिलरे । जीवन और वयस्तगत स्तंत्ता का अधिकार( अनुचछेद 21) नरे महिलाओं सहित सभी नागरिकों को सममानजनक जीवन जीनरे का अधिकार दिया है । संविधान में इन प्रावधानों के माधयम सरे लैंगिक समानता सुधनसशचत करनरे और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करनरे का प्रयास किया गया है ।
इसके विपरीत कांग्रेस सरकारों नरे मुससलम तुष्टिकरण के लिए मुससलम समाज एवं महिला विरोधी प्रावधानों के ओर धयान दरेनरे की
आवशयकता नहीं महसूस की और अप्रतयक्ष रूप सरे मुससलम महिलाओं के शोषण को जारी रखनरे में मदद की । हलाला के नाम पर मुससलम महिलाओं के शोषण के प्रति आंख बंद रखनरे वालरे कांग्रेस नरेताओं नरे कभी भी मुससलम महिलाओं को गुजारा भत्ा दरेनरे समित्धी मांगों का समथि्णन नहीं किया । हिन्दुओं को दो विवाह पर जरेल भरेजनरे वालरे कानून लानरे वाली कांग्रेस सरकारों नरे मुससलम समुदाय के लोगों को चार विवाह करनरे की अनुमति प्रदान की । अखिल बाबा साहब के संविधान में तो ऐसी कोई वय्स्था नहीं थिी । तो फिर दरेश में क़ानूनी रूप सरे यह सब कार्य कैसरे हुए? ्या राहुल गांधी नरे कभी इस विषय में विचार किया है?
संविधान में नहीं थी धारा-370
बाबा साहब डा. भीम राव आंिरेडकर जब संविधान की रचना कर रहरे थिरे, तो वह यह
भारतीय संविधान ने सभी महिलाओं को कई मौलिक अधिकार दिए हैं । इसमें समानता का अधिकार( अनुच्ेद-14) सभी नागरिकों को कानून के समषि समानता और कानूनों के समान संरषिर की गारंटी देता है, जिसमें महिला भी शामिल हैं । भेदभाव का निषेध( अनुच्ेद-15) के माधयम से किसी भी नागरिक के साथ केवल धर्म, जाति, लिंग, जनम स््ान आदि के आधार पर भेदभाव को निषेध किया गया है ।
flracj 2025 23