विशेष
एवं उत्थान की दिशा में अपनी सोच को मूर्त रूप दरे दिया । यही कार्य प्रधानमंत्ी होतरे ही श्री मोदी संपूर्ण दरेश में करनरे लगरे । सैकड़ों की संखया में श्री मोदी द्ारा बनाई गयी केंद्रीय सरकार की लगभग सभी नीतियों नरे सामाजिक-अधथि्णक विकास का रूप धारण कर गरीबों, दलितों, पिछड़ों और सदियों सरे उपरेधक्षत समुदायों तथिा ्गषों के चौखट पर हाज़िरी दरेनरे लगी । उनको ऐसा लगा मानो दरेश में पहली बार उनकी यानी गरीबों की सरकार बनी हो । िड़ी तरेज़ी सरे अमीरी- गरीबी, उच्च-निम्न जाति-प्रजाति का भरेद समापत होनरे लगा । गरीबी ररेखा सरे करोड़ों लोग बाहर निकलरे ।
श्ी मोदी और बालयकाल
नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म गुजरात स्थित वडनगर में 17 सितंबर 1950 को अन्य पिछड़ा वर्ग( ओबीसी) के हिंदू परिवार में हुआ थिा । बालयकाल सरे ही उनमें सामाजिक सरे्ा की जिन विचारों का जन्म हुआ, उन विचारों को
ततकालीन समय में उनके परिवार के साथि ही ततकालीन समय में कई लोगों नरे महसूस किया । वडनगर ररेल्रे सटेशन पर पिता की चाय की दुकान पर कभी-कभार काम करनरे वालरे मोदी के सरे्ा भाव को दरेखकर लोगों को यकीन नहीं होता थिा कि एक बच्चा आम लोगों के प्रति इतना सं्रेदनशील हो सकता है कि पैसरे न होनरे पर चाय पिला दरेगा ।
उच्चतर माधयधमक शिक्षा पूरी करनरे के मधय उनके शिक्षकों नरे इस भाव को दरेखा ओर शिक्षकों नरे भी उन्हें एक उतसुक, प्रतिभाशाली वाद- विवादकर्ता के रूप में वर्णित किया । 1965 के युद्ध के बीच उन्होंनरे जिस तरह सरे ट्रैन सरे युद्धक्षेत्र में जानरे वालरे भारतीय सैनिकों की सरे्ा की, उसमें भी दरेश और समाज सरे्ा का भाव थिा और इसका उल्लेख कई बार किया जाता है । बालयकाल सरे लरेकर किशोरावस्था तक मोदी जी का समाज सरे ऐसा जुड़ाव हो चुका थिा, जिसनरे उनके अंदर सामाजिक समरसता के भाव को स्ाभाविक रूप सरे पुष्ट किया ।
संघ के श्ी मोदी
राष्ट्ीय स्यं सरे्क संघ सरे श्री मोदी का जुड़ाव आठ वर्ष की आयु सरे हो गया थिा । स्थानीय शाखा में शामिल होनरे के बाद और समय परिवर्तन की स्थिति सरे गुजरतरे हुए वह संघ के सामाजिक, रचनातमक एवं सामाजिक समरसता सरे जुड़े काय्णरिमों में हिससा लरेनरे लगरे । 1960 के दशक में वह संघ के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए और प्रांत प्रचारक लक्मरराव इनामदार के सहायक के रूप में श्री मोदी सामाजिक समरसता के भाव सरे कार्य करनरे लगरे ।
वह 1972 में प्रचारक बनरे और फिर नवनिर्माण आंदोलन सरे जुड़ गए । यह आंदोलन गुजरात में भ्ष्टाचार के विरुद्ध छात्ों नरे किया थिा । आंदोलन में सभी जाति-वर्ग के छात् शामिल थिरे और उनके बीच में उन्होंनरे अखिल भारतीय विद्ाथिटी परिषद की स्थानीय शाखा सरे जुड़ कर जिस तरह कार्य किया, उसकी प्रशंसा श्री मोदी पर पुसतक लिखनरे वालरे कई लरेखकों नरे की है । यहां भी विशरेष बिंदु यह है कि छात्ों के बीच में
16 flracj 2025