के पररप्ररेक्य में दरेखा जाए, सामाजिक समरसता की अवधारणा का आधार प्रकृति, प्राकृतिक नियमन तथिा प्रकृतिजन्य विधाओं पर आधारित भारतीय जीवन पद्धति है । इसके पाश््ण में कारण है कि जिस प्रकार प्रकृति किसी के साथि भरेदभाव नहीं करती है, उसी प्रकार सरे प्रकृतिजन्य भारतीय जीवन पद्धति में भी जाति, प्रजाति और आधथि्णक आधार पर उपजरे ्गषों में भरेदभाव का
कोई स्थान नहीं है ।
भारतीय लोक जीवन में मानव, जीव-जंतु एवं प्रकृति के संरक्षण तथिा उनका वया्हारिक स्रूप है, इसलिए इसमें सामाजिक विषमताओं का कोई स्थान नहीं होता है । प्रकृति के इस संदरेश को वर्तमान प्रधानमंत्ी श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के जीवन पर भारी प्रभाव रहा और उनका पूरा जीवन सामाजिक समरसता के लिए
समर्पित रहा है । समाज में सामाजिक समरसता की स्थापना हरेतु बहुत गंभीर प्रयास हुए किन्तु समाज में आधथि्णक विषमता को समापत कर सामाजिक समानता और समरसता की दिशा में सरकारी आधथि्णक तंत् आधारित मोदी मंत् का प्रयोग अतयधिक सफल रहा । मुखयमंत्ी होतरे ही श्री मोदी नरे गुजरात प्रदरेश में सरकारी नीतियों को आधथि्णक जामा पहना कर सामाजिक समरसता
flracj 2025 15