विशेष
का समरसता चिंतन �वैश्विक कल्याण कथा भी एकमथात्र मंत्र िथामथानिक समरसतथा �आर्थिक तंत्र आधथारित िथामथानिक समरसतथा कथा मोदी मंत्र �नए वर्ल्ड आरल्डर को स्थापित करतथा एक भथारतीय नेतथा
डा. विजय सोनकर शास्त्ी
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मरसता एक बहुवयापी आयामी है । मानव, पशु-पक्षी, जड़-चरेतन आदि सभी में सामंजसय के लिए समरसता अपरिहार्य है । वैसश्क सतर पर मानव में संगठन के लिए यह परम आवशयक परिस्थिति है । वर्ण, वर्ग, जाति, प्रजाति, समूह, संस्था, संप्रदाय, सभयता, संसकृधत सभी में आपसी समरसता होनरे पर ही समाज का एक संगठित, सुवय्स्थित एवं समृद्धशाली स्रूप बना रह सकता है । यदि सामाजिक समरसता
14 flracj 2025