Sept 2025_DA | Page 13

होना बहुत अनिवार्य है!
दरेश में हो रहरे सकारातमक बदलाव की चर्चा करतरे हुए प्रधानमंत्ी मोदी नरे कहा कि 140 करोड़ भारतवासी 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगरे, विकसित भारत के संकलप को परिपूर्ण करनरे के लिए पूरी ताकत सरे जुटे हैं । इस संकलप की पूर्ति के लिए भारत आज हर सेक्टर में आधुनिक इकोसिसटम तैयार कर रहा है और आधुनिक इकोसिसटम हर क्षेत्र में हमाररे दरेश को आतमधनभ्णर बनाएगा । यह आगरे िढ़नरे का अवसर है, िड़े सपनरे दरेखनरे का अवसर है, संकलप के लिए समर्पित होनरे का अवसर है । जब सरकार आपके साथि है और मैं स्यं आपके साथि हूं, अब हम नया इतिहास बना सकतरे हैं । आज 140 करोड़ दरेशवासियों का एक ही मंत् होना चाहिए समृद्ध भारत । अगर कोटि-कोटि लोगों के बलिदान सरे स्तंत् भारत हो सकता है, तो कोटि-कोटि लोगों के संकलप सरे, पुरुषाथि्ण सरे, आतमधनभ्णर बननरे सरे, वोकल िलॉर लोकल की बात करनरे सरे, स्दरेशी के मंत् को जापनरे सरे, समृद्ध भारत भी बन सकता है, यह पीढ़ी समृद्ध भारत के लिए नए कदम उठाए यही समय की मांग है । इस मंत् को आगरे िढ़ानरे में सभी को एकजुट होकर सामनरे आना चाहिए ।
उन्होंनरे कहा कि जब दरेश का सामथय्ण िढ़ता है, तो दरेशवासियों को लाभ मिलता है । भारत के नागरिक के अंदर अपनरेपन का भाव है, सं्रेदनशीलताओं सरे भरा हुआ है । दरेश तीसरी िड़ी इकोनलॉमी बननरे की दिशा में तरेज गति सरे आगरे िढ़ रहा है । भारत की अथि्णवय्स्था और आधथि्णक स्थिति को पूरी दुनिया आश्सत है । संकट के घरेररे में जब अथि्णवय्स्था पड़ी हुई है, तब भारत ही उसरे बाहर निकल गया यह भरोसा दुनिया में पनपा है । गलोिल ररेधटंग एजेंसी भी लगातार भारत की सराहना करती है, भारत की अथि्णवय्स्था पर जयादा सरे जयादा विश्ास वय्त कर रही है । यह िढ़ती हुई अथि्णवय्स्था का लाभ दरेश के गरीबों को, किसानों को, नारी शक्त के साथि ही मधयम वर्ग को मिलरे, इसके लिए नए प्रयास कर रहरे हैं ।
प्रधानमंत्ी मोदी नरे कहा कि दरेश के किसानों का भारत की अथि्णवय्स्था में बहुत िड़ा योगदान है । भारत के किसानों की मरेहनत रंग ला रही है । पिछलरे साल अनाज के उतपादन में दरेश के किसानों नरे पुरानरे साररे ध्रिम तोड़ दिए । किसानों को अचछी सुविधाएं मिलनरे लगी हैं, तो वो अपना सामथय्ण दरेश के लिए िढ़ा रहा है । किसान, पशुपालक, मछुआररे, सबसरे िड़ी प्राथिधमकता है ।
उन्होंनरे कहा कि हमारी संसकृधत की ताकत हमारी विविधता है । यह गौरव है कि भारत मां का बगीचा विविध प्रकार के िकूलों सरे सजा हुआ है । यह विविधता एक बहुत िड़ी विरासत और गौरव है । दरेश भाषाओं की विविधता सरे बहुत ही भरा हुआ है । भाषाएं जितनी विकसित होंगी, जितनी समृद्धि होगी, उतना ही ज्ान को बल मिलनरे वाला है । पांडुलिपि में हमाररे ज्ान के भंडार पड़े है, लरेधकन उसके प्रति उदासीनता रही है । ज्ान भारतम् योजना के तहत दरेशभर में जहां भी हसतधलधखत ग्रंथ है, जहां पांडुलिपियां हैं, सदियों पुरानरे जो दस्तावेज हैं, उनको खोज- खोज करके आज की टेक्ोललॉजी का उपयोग करतरे हुए, उस ज्ान की समृद्धि को आनरे वाली पीधढ़यों के लिए काम आए, उस दिशा में काम कर रहरे हैं ।
प्रधानमंत्ी मोदी नरे कहा कि दरेश सिर्फ सरकारें नहीं बनाती है । दरेश बनता है कोटि-कोटि जनों के पुरुषाथि्ण सरे, ऋषियों के, मुनियों के, वैज्ाधनकों के, शिक्षकों के, किसानों के, जवानों के, सरेना के, मजदूरों के, हर किसी के प्रयास सरे बनता है । हर किसी का योगदान होता है । वयस्त का भी होता है, संस्थाओं का भी होता है । यह गर्व की बात है कि आज सरे 100 साल पहलरे एक संगठन का जन्म हुआ, राष्ट्ीय स्यंसरे्क संघ, 100 साल की राष्ट् की सरे्ा, एक बहुत ही गौरवपूर्ण स्धर्णम पृष्ठ है । वयस्त निर्माण सरे राष्ट् निर्माण के संकलप को लरेकर के 100 साल तक मां भारती का कलयार का लक्य लरेकर के लक्ष्‍यावधि स्‍वयं सरे्कों नरे मातृभूमि के कलयार के लिए अपना जीवन समर्पित किया है । सरे्ा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन- यह जिसकी पहचान रही है, ऐसा राष्ट्ीय स्यंसरे्क संघ दुनिया का यह सबसरे िड़ा एनजीओ है । एक प्रकार सरे 100 साल का उसका समर्पण का इतिहास है । वह 100 साल की इस राष्ट् सरे्ा की यात्ा में योगदान करनरे वालरे सभी स्यंसरे्कों को आदरपूर्वक स्‍मरण करतरे हैं । राष्ट्ीय स्यंसरे्क संघ की 100 साल की भव्‍य समर्पित यात्ा सभी को प्ररेरणा दरेती रहरेगी । �
( मूल भाषण के समपाचदत अंश)
flracj 2025 13