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मैला ढोने की कु प्रथा से मुक्त हुए देश के 732 जिले
दे श के 766 जिलों में से 732 जिलों में
हाथ से मैला धोने की कुप््ा ( मैनुअल
सकैवेंजिंग ) समा्त हो चिुकी है । ्यह जानकारी देते हुए केत्द्री्य सामाजिक त््या्य एवं अधिकारिता राज्य मंरिी रामदास अठावले ने बता्या कि गत जुलाई माह तक देश के 732 जिलों में इस कुप््ा को समा्त लक्या जा चिुका है । ' मैनुअल सकैवेंजरों के रूप में लन्योजन का निषेध और उनका पुनर्वास अधिलन्यम , 2013 ' की धारा 2 ( डी ) और 2 ( जी ) के अनुसार , खतरनाक सफाई और मैनुअल सकैवेंजरों की परिभाषा इस प्कार बताई गई है ।
किसी कम्यचिारी द्ािा सीवर ्या सेन््टक टैंक के संबंध में ' खतरनाक सफाई ' का अर्थ है , लन्योकता द्ािा सुरक्ातमक सामग्ी और अत््य सफाई उपकरण प्दान करने और सुरक्ा सावधालन्यों के पालन को सुलनन््चित करने के अपने दाल्यतवों को पूरा किए बिना ऐसे कम्यचिारी द्ािा मैत््युअल सफाई करना , जैस कि किसी अत््य कानून में निर्धारित ्या प्दान लक्या जा सकता है , जो इसके तहत बनाए गए ्या वर्तमान में लागू लन्यम हैं ।
' मैनुअल सकैवेंजर ' से तात्पर्य किसी व्यक्ति ्या स्ानी्य प्ालिकरण ्या सार्वजनिक ्या निजी एजेंसी द्ािा किसी असवासथ्यकर शलौचिाल्य में ्या किसी खुले नाले ्या गड्े में जिसमें असवासथ्यकर शलौचिाल्यों से मानव मल का निपटान लक्या जाता है , ्या रेलवे ट्ररैक पर ्या ऐसे अत््य स्ानों ्या परिसरों में , जैसा कि केंद्र सरकार ्या राज्य सरकार अधिसूलचित कर सकती है , मानव मल को मैत््युअल रूप से साफ करने , ले जाने , निपटान करने ्या अत््यथा किसी भी तरीके से निपटान करने से जुडे ्या लन्योजित
व्यक्ति से है , जैसा कि निर्धारित लक्या जा सकता है , और तदनुसार " मैनुअल सकैवेंजिंग " की व्याख्या की जाएगी ।
उन्होंने बता्या कि सवचछ भारत मिशन ( शहरी 2.0 ) के तहत , राज्यों को जारी करने के लिए 371 करोड रुप्ये की धनराशि को मंजूरी दी गई है , ताकि मशीनें खरीदने और मशीनीकरण की स्थिति में सुधार करने के लिए छोटे शहरों को उपलबि करा्या जा सके । राज्यों ने बता्या है कि उनके पास 5000 से अधिक मानक सेन््टक टैंक वाहन , 1100 से अधिक हाइड्ोवैक
और 1000 से अधिक लडलसन्लटंग मशीनें हैं । इसके साथ ही शहरी स्ानी्य निका्यों को आवास एवं शहरी मामलों के मंरिाल्य द्ािा सलाह दी गई है कि वह अपने उपलन्यमों में सेन््टक टैंकों के लिए बीआईएस 2470 मानकों को शामिल करें और भवन निर्माण की अनुमति देते सम्य उन्हें लागू करें । श्लमकों को सुरक्ा उपकरण प्दान करने , आपातकालीन डी- सललजंग के लिए हेलपलाइन सुविधाएं प्दान करने और आईईसी गतिविधि्यों को भी शुरू करने के लिए सलाह जारी की गई है ।
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