Sept 2024_DA | Page 20

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अभपी भपी पूरा नहीं हु आ है

आरक्षण देने का उद्ेश्य

डा . संगीता रानी

आज हम जहां आधुनिक समाज की बात कर रहे हैं तथा पूरा लव्व एक मुट्ी में सिमट कर रह ग्या है , वहीं हमारे समाज में आज भी एक बहुत बड़ी जनसंख्या हिन्दू समाज के उस वर्ग

की है , जो अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ है । समाज का ्यह वर्ग आज भी भ्य , भूख , गरीबी , लाचिारी और सरकारी भ्रष्टाचिार के चिलते निम्न सति का जीवन जीने के लिए विवश है । इनकी ्यह स्थिति एक दिन में नहीं हुई है , अपितु सलद्यों
से इनका शोषण हुआ है और ्यह वर्ग सुविधाओं तथा अधिकारों से वंलचित रहा है । ऐसे लोगों को अछटूत , असपृ््य , शूद्र , हरिजन व दलित आदि नामों से संबोधित लक्या जाता है । सव्यप््म ज्योतिबा फूले ने समाज के दीन-हीन लोगों के लिए ‘ दलित ’ शबद का प्रयोग लक्या था ।
20 flracj 2024