Sept 2024_DA | Page 16

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मिटाने के लिए भरसक प्रयास लक्ये , पर मोहममद अली जिन्ना उन नेताओं में आते हैं , जिन्होंने हिन्दू समाज की उस जनसंख्या के साथ धोखाधड़ी की , जो विदेशी मुस्लिम आकांता शासकों के अत्याचिारों की वजह से समाज में असवचछ पेशा करने के कारण अ्पृ््य होकर आज जीवन्यापन कर रहे थे ।
भारत को बांटने की लन्यत से जब मुस्लिम लीग के नेता मोहममद अली जिन्ना पाकिसतान बनाने के लिए अड़ गए तो महातमा गांधी ने पहले तो विरोध लक्या पर अंत में वह भी पाकिसतान निर्माण के लिए मान गए । लेकिन अपने सपने पूरा करने के लिए जिन्ना और गांधी में होड़ मचि ग्यी और दोनों नेता ही दलित और मुस्लिम समाज के लोगों को ्यह सन्देश देने लगे कि उनका वासतलवक हितैषी वहीं हैं । जिन्ना
को अपनी ्योजना को पूरा करने के लिए दलितों की जरुरत थी और इसके लिए उन्होंने दलितों के ततकालीन नेता जोगेंद्र नाथ मंडल का इसतेमाल लक्या । हालांकि गांधी जी ने पाकिसतान निर्माण के प्सताव को सवीकार नहीं लक्या था पर जब उन्हें ्यह लगने लगा कि भारत से जाने वाले अंग्ेज , सत्ा का अधिकार देने के लिए पाकिसतान का निर्माण चिाहते हैं , उन्होंने भी देश के बॅटवारे के प्सताव को मान लल्याI
जिन्ा को मिली बढ़त
सवतंरिता संग्ाम में अंग्ेजी सरकार की नीलत्यों के कारण भारत में धार्मिक सामप्दाल्यकता के बीज बो्ये जा चिुके थे तथा उन्हें खाद एवं उर्वरक देने का का ्य भारत के कुछ ऐसे नेताओं ने लक्या , जो धर्म को अपने राजनीतिक एजेंडे की पूर्ति के
लिए हल््यार बनाना चिाहते थे । ततकालीन सम्य में जनता के अंदर राष्ट्रवाद जाग चिुका था और जनता आगे बढ़कर आंदोलन में हिससा लेने के लिए उठ खड़ी हुई थी । लेकिन सवतंरिता आन्दोलन में अलपसंख्यकों की भागीदारी काफी कम थी । मुस्लिमों की घटती संख्या के पीछे हिन्दुओं के खिलाफ मुस्लिमों और अंग्ेजों के बीचि हुआ गठजोड़ रहा । अंग्ेजी सत्ा ने हिन्दू- मुस्लिम के बीचि खाई को और गहरा लक्या , जिसका नतीजा देश में हिन्दू-मुस्लिम संप्दा्य के बीचि पैदा हुई सामप्दाल्यकता के रूप में भी सामने आ्या और मुस्लिमों में अलगाववाद की भावना पनपी । ्यही वजह रही कि अलपसंख्यक समुदा्य ने अपने आपको सवतंरिता संग्ाम से दूर कर लल्या और अंग्ेजों के साथ अपने समीकरण सही करने की शुरुआत की और
16 flracj 2024