Oct 2025_DA | Page 10

कवर स्टोरी

चाहिए ।
्लॉ अम्बेडकर का मानना था दलित ्वगमा को अपनदे हितों की रक्ा के लिए त्वधायी कायगों को अपनदे पक् में प्रभात्वत करनदे के लिएं राजनीतिक सतिा में पर्यापत प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए । अत: उनका सुझा्व था कि केनद्रीय तथा प्रानतीय त्वधान मंडलों में दलितों की भागीदारी हदेतु पर्यापत प्रतिनिधित्व के लिए कानून बनाया जाना चाहिए । इसी प्रकार उनका मानना था कि तन्वामाचन कानून
बनाकर यह व्यवसथा की जानी चाहिए कि प्रथम दस ्वर्ष तक दलित ्वगमा के ्वयस् मताधिकारियों द्ारा पृथक तन्वामाचन के माधयम सदे अपनदे प्रतिनिधि का तन्वामाचन किया जाना चाहिए तथा बाद में दलित ्वगमा हदेतु आरतक्त सथानों पर समबशनधत तन्वामाचन क्देत् के सभी ्वयस् मताधिकारियों द्ारा तन्वामाचन किया जाना चाहिए ।
्लॉ अम्बेडकर का मत था कि दलित ्वगमा के उतथान के लिए यह भी आवश्यक है कि उनहें
सरकारी सदे्वाओं में पर्यापत प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए । उनके अनुसार इसके लिए दलित ्वगमा हदेतु आरक्ण की व्यवसथा की जानी चाहिए । उनके अनुसार दलित ्वगमा को सदे्वाओं में पर्यापत सथान दिलाए जानदे के लिए सरकार को त्वशदेर सं्वैधानिक तथा कानूनी प्रा्वधान करनदे चाहिए ।
्लॉ अम्बेडकर का मानना था कि दलित ्वगमा को नीति निर्माण के कायगों में उचित अ्वसर के लिए मंतत्मण्लों में भी पर्यापत प्रतिनिधित्व
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