Oct 2024_DA | Page 6

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राहुल गांधी का इरादा

आई कषांग्रेस सत्ता में तो आरक्ण खतम करनषे कषा वषादषा

दलित , आदिवासी और पिछड़ों को भ्रमित करेगी कांग्ेस कांग्ेसी रणनीति से सकते मं हैं विपक्ी दल

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ग्ेस के आरक्ण प्रेम की असलियत सामने आने लगी है । साथ ही जाति जनगणना के माधयम से दलित , आदिवासी एवं अनय पिछड़ा वर्ग के कलयाण को लेकर किए जाने दावों को सच भी अब जनता के सामने आ गया है । गत सितंबर माह में अमेरिका के दौरे पर गए कांग्ेस के नेता राहुल गांधी ने जार्जटाउन विशिविद्ालय में यूनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत में सपष्ट कर दिया कि भारत में आरक्ण आरक्ण खतम करने के बारे में कांग्ेस सही समय आने पर विचार करेगी । अब आरक्ण एकमात्र साधन नहीं है . अनय साधन भी हैं । अभी भारत में आरक्ण के लिहाज से वनष्पक्ता नहीं हैI
कांग्ेस नेता राहुल गांधी का यह घातक बयान कांग्ेस की आगामी कार्ययोजना को सपष्ट करने के लिए काफी है । 2014 के बाद से चुनावी
राजनीति में लगातार पीछे हो रही कांग्ेस अब खुल कर भारत और भारत की सामाजिक वयिसथा को नष्ट करने की दिशा में चल पड़ी है । सत्ा हासिल करने के लिए कांग्ेस लगातार नए-नए प्रपंच रच रही है , जिसमें कथित रूप से आरक्ण और संविधान को बचाने का वह मुद्ा भी शामिल है , जिस मुद्े पर भ्रम फैलाकर लोकसभा चुनाव में कांग्ेस ने अपनी जमीन को बचाए रखने का काम किया ।
कषांग्रेस की भ्रमवषादी रषाजनीति
भारत की राजनीति में जाति और आरक्ण
एक ऐसा संवेदनशील मुद्ा है , जिसकी कोई भी दल अनदेखी नहीं कर सकता है । सितंत्रता के बाद से राजनीति में जाति की प्रधानता रही , पर 2014 के चुनाव के बाद मोदी सरकार ने जातिगत राजनीति को चरिवयूह को तोडा और गरीब , दलित , पिछड़ा , वनवासी , युवा , महिला , किसान के कलयाण के लिए काम किया । लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्ेस और उसके गठबंधन के सहयोगियों ने दशकों पुरानी राजनीति पर काम करते हुए आरक्ण के मुद्े को उछाला । जनता के बीच आरक्ण के मुद्े के साथ ही यह भ्रम भी जोरशोर से फैलाया गया
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