अनेक साजिशें रचीं , लेकिन वर्धा की इसी धरती से गांधीजी ने ग्ामीण उद्ोग को बढ़ािा दिया । उनहोंने देश के दुर्भागय पर नाराजगी वय्त की कि आजादी के बाद आई सरकारों ने इस हुनर को वह सममान नहीं दिया जिसका वह हकदार था । यह टिप्पणी करते हुए कि पूि्गितसी सरकारों ने शिलप और हुनर का सममान करना भूलकर विशिकर्मा समुदाय की लगातार उपेक्ा की , उनहोंने कहा कि इसके परिणामसिरूप भारत प्रगति और आधुनिकता की दौड़ में पिछड़ता
चला गया ।
इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि वर्तमान सरकार ने आजादी के 70 वर्षों के बाद पारंपरिक कौशल में नई ऊर्जा लाने का संकलप लिया है , प्रधानमंत्री ने जिरि किया कि ‘ सममान , सामथय्ग , समृद्धि ’ ( सममान , क्मता और समृद्धि ) प्रधानमंत्री विशिकर्मा योजना की भावना है । प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा उद्ेशय पारंपरिक शिलप को सममान , कारीगरों का सशक्तकरण और विशिकर्माओं की समृद्धि है ।
प्रधानमंत्री ने पीएम विशिकर्मा को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों के बड़े पैमाने पर और अभूतपूर्व सहयोग की ओर धयान आकवर््गत किया और बताया कि 700 से अधिक जिले , 2.5 लाख ग्ाम पंचायतें , 5000 शहरी सथानीय इकाइयां इस योजना को गति दे रही हैं । पिछले िर््ग 18 विभिन्न पारम्परिक कौशल वाले 20 लाख से अधिक लोगों को पीएम विशिकर्मा योजना से जोड़ा गया है । आधुनिक मशीनरी और डिजिटल उपकरणों की शुरूआत के साथ 8 लाख से अधिक कारीगरों और शिलपकारों को कौशल प्रवशक्ण प्रदान किया गया है और उनकी उपयोगिता बढ़ाई गई है । अकेले महाराष्ट् में 60,000 से अधिक लोगों ने कौशल प्रवशक्ण प्रापत किया है । प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उतपादकता और उतपाद की गुणवत्ा बढ़ाने में मदद करने के लिए 6 लाख से अधिक विशिकर्माओं को आधुनिक उपकरण , 15,000 रुपये के ई-वाउचर और अपने वयिसाय का विसतार करने के लिए बिना गारंटी के 3 लाख रुपये तक के ऋण प्रदान किए गए हैं ।
प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी ने डिजिटल कलॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क ( ओएनडीसी ) और सरकारी ई-माककेटपलेस ( जीईएम ) के बारे में बात की । यह कारीगरों और शिलपकारों के लिए अपने वयिसाय का विसतार करने का माधयम बन गए हैं । उनहोंने रेखांकित किया कि जो सामाजिक वर्ग आर्थिक प्रगति में पिछड़ गया था , वह अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थवयिसथा में महतिपूर्ण भूमिका निभाएगा । उनहोंने कहा कि कौशल भारत मिशन इसे और मजबूत कर रहा है । कौशल विकास काय्गरिम के अंतर्गत देश के करोड़ों युवाओं को वर्तमान में आवशयकता के अनुसार प्रवशक्ण प्रापत हुआ है । यह रेखांकित करते हुए कि कौशल भारत जैसे काय्गरिमों के साथ भारत के कौशल को दुनिया भर में मानयता मिल रही है । भारत ने इस िर््ग के शुरुआत में फांस में आयोजित विशि कौशल पर एक विशाल काय्गरिम में कई पुरसकार जीते हैं ।
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