Mummatiya by Dharmendra Rajmangal Mummatiya by Dharmendra Rajmangal | Seite 9

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पींडडत को टदए जाने वाली सारी दक्षिणा उस मभखारी को दे दी . ये सब मभखारी के मलए बहुत था लेककन पींडडत के लये बहुत थोडा . मभखारी इतनी भीख पा खुश हो उिा और उसे जब पता पड़ा कक आज बच्चे का नािकरण है और पींडडत भी घर से ववना नाि रखे ही चला गया है तो उसने तुरींत उस बच्चे का नाि छोिू रख टदया .
घर के हर व्यश्क्त को उस बच्चे का छोिू नाि पसींद आया . किला ने उस मभखारी को टदल से धन्यबाद दे ववदा ककया . टदन गुजरते जा रहे थे . रणवीर की हालत टदनोटदन तींग होती जा रही थी और इन्हीीं टदनों रणवीर बीिार पड गये .
पेि िें असहनीय ददच था . घर िें एक भी रुपया नही था लेककन इनका एक पड़ोसी भला इन्सान था श्जसने अपने लडके के दहेज िें आये रुपये उिा किला को दे टदए . जैसे तैसे शहर के सरकारी अस्त्पताल िें उन्हें टदखाया गया . यहााँ डॉक्िर ने बताया कक रणवीर के पेि का ददच अपेंडडसाइटिस की वजह से है . किला ने फौरन अपने िायके खबर कर दी .
रािचरन और उनके बेिे दौड़े चले आये . रणवीर के अपेंडडक्स का ओपरेशन करा टदया गया . ओपरेशन के बाद किला अपने पनत को ले घर आ गयीीं . घर िें खचे को रुपया नही था . खानदान के लोग रणवीर को देखने आये . उन्होंने किला से िदद की पेशकश की लेककन किला ने उस सिय िना कर टदया .
रणवीर के चचेरे भाइयों िें आटदराज और शोभराज बहुत चालबाज आदिी थे . उनकी नजर रणवीर की जिीन पर थी . सोचते थे इस सिय रणवीर और किला ककसी तरह उनसे कजाच ले लें कफर वो इन लोगों की जिीन खरीद कर ही छोड़ेंगे .
आटदराज और शोभराज जब भी रणवीर को देखने आते तभी वे लोग रुपयों पैसों को लेकर िदद करने की कहते लेककन रणवीर इन दोनों के स्त्वभाव से अच्छी तरह पररधचत थे . उन्हें पता था इन दोनों ने िजबूर लोगों से एक रूपये के चार बसूले हैं .
श्जसने भी इन लोगों से कजाच मलया था वो ककसी भी काि का नही रहा . लेककन िुसीबत ककसी को बता कर थोड़े ही न आती है . रणवीर के ऑपरेसन वाली जगह पर इन्फे क्शन फै ल गया . किला रणवीर को ले कफर से शहर के सरकारी अस्त्पताल वाले डॉक्िर को टदखने पहुींची .
सरकारी अस्त्पताल के डॉक्िर ने किला को सलाह दी कक वो रणवीर को टदल्ली ले जाकर टदखा दें . क्योंकक शहर के सरकारी अस्त्पताल िें कोई िीक सा डॉक्िर नही था जो खराब हुए ऑपरेसन को िीक कर सके . साथ ही डॉक्िर ने किला को यह भी बताया कक अभी इन्फे क्शन इतना नही फै ला कक कोई ज्यादा बड़ी िुश्ककल हो जाय इसमलए बबना धचींता ककये टदल्ली ले जा कर टदखा दो .
किला के पास इतने रूपये नही थे कक रणवीर का इलाज टदल्ली के ककसी अस्त्पताल िें करा सकें . जब