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घर आकर उन्होंने अपने वपता को खबर भेजी तो उधर से उनका जबाब आया कक उनके पास भी इतने पैसे नही कक वो किला को दे सकें .
किला के भाई ने अपने बहनोई के मलए अपना खून तक टदया लेककन आधथचक तींगी की वजह से पैसा न दे सके . किला को चारो ओर ननराशा नजर आती थी . पनत की गम्भीर बीिारी और पाींच बच्चों का बोझ . ऊपर से एक बच्चा उसके गभच िें भी था .
किला ने पनत के िना करने के बावजूद शोभराज और आटदराज से िदद िाींगने की सोच ली . कोई भी औरत अपने पनत को पैसों की तींगी के चलते भी िरने के मलए तो नही छोड़ सकती . कफर चाहे उसके गहने बबक जाएाँ या उसकी जिीन बबक जाए .
किला जानती थी कक अगर कजाच ज्यादा हो गया तो जिीन बबक जाएगी और उसके बच्चे जीवन भर मभखाररयों की तरह जीयेंगे . लेककन पनत की श्जन्दगी ही न रही तो जिीन और बच्चों का ही क्या होगा ? श्जस पनत की वजह से उसे जिीन मिली . श्जस पनत की वजह से उसे बच्चे मिले . आज उसी को िरने के मलए छोड़ दे . कि से कि किला तो यह न सोच सकती थी .
किला ने अपना एक बच्चा भेज आटदराज को बुलवा मलया . आटदराज को पता था कक उसे किला ने क्यों बुलवाया है ? बच्चे के साथ भागता ही चला आया . आटदराज ररकते िें किला का जेि लगता था और एक ररकते िें फू फा .
लेककन किला आटदराज से यहीीं का ररकता िान घूाँघि करती थी . आटदराज रणवीर के घर आ बैिक िें बैि गया . किला किरे के दरवाजे के पीछे आ खड़ी हो गयी . क्योंकक औरतों को अपने से बड़े के सािने आने की इजाजत नही थी . बात करना तो दूर की बात थी .
आटदराज ने किला से पूींछा , “ बता बहू िुझे क्यों बुलवाया ? ककसी चीज की जरूरत हो तो बेखझझक हो कह देना .” किला को आटदराज की बात अपनेपन जैसी लगी . बोली , “ दद्दा तुम्हारे भाई के इलाज िें कु छ पैसों की जरूरत पड रही है . अगर ...?”
इतना कह किला चुप हो गयी . आटदराज तो इस बात का कब से इन्तजार कर रहा था . बोला , “ बहू पैसों की जरूरत थी तो बच्चे से िींगवा मलए होते . इसिें पूींछने की क्या बात थी ? बता ककतने रूपये चाटहए ? आज ही रूपये टदए देता हूाँ .”
किला को लगा कक आटदराज को रणवीर पर तरस आ गया है इसमलए इतना भावुक हो बात कर रहे हैं . लेककन वो क्या जानती थी कक इसिें आटदराज की चाल कू ि कू ि कर भरी हुई है . बोली , “ दद्दा िैं रुपया लेकर क्या करुाँ गी ? आप इनको टदल्ली लेकर चले चमलए . वहाीं जो भी खचाच हो कर दीश्जयेगा . बस . िुझे कु छ नही चाटहए .” किला ने सच्चे टदल से आटदराज पर भरोसा टदखाया था . उसे लगा जैसे आटदराज उसका