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सगा जेि हो . िानो वो रणवीर का सगा भाई हो .
आटदराज ने जब यह सुना कक उसे रुपया खुद खचच करना है तो खखल उिा . वो जानता था इसिें उसका और ज्यादा फायदा है . एक रुपया खचच हो तो चार का खचाच मलखेगा . गरीब िजबूर लोगों से इस तरह की चाल चल चल कर ही तो आटदराज गााँव का सबसे अिीर आदिी बना था .
आज तक उस पर कोई ऊाँ गली भी न उिा सका था . कई लोग तो आटदराज से पैसा ले बबाचद हो चुके थे . पता नही किला का क्या होना था . यही नही अब से कु छ साल पहले तक आटदराज थैलाछाप डॉक्िर का काि भी ककया करता था . उसी दौरान एक बच्चे का इलाज करते हुए उस बच्चे की िौत हो गयी तब से आटदराज ने डॉक्िरी छोड़ दी थी और ब्याज का काि शुरू कर टदया था .
आटदराज का छोिा भाई शोभराज शहर के स्त्वास्त््य ववभाग िें ककसी पद पर कायचरत था . वो अस्त्पताल से दवाइयाीं चुरा चुरा कर घर आटदराज को भेजता था और आटदराज उन दवाओीं से गााँव िें थैला छाप डॉक्िर बन गया था .
आटदराज किला से बोला , “ िीक है बहू . िैं पैसों का इींतजाि करके लाता हूाँ . तुि लोग चलने की तैयाररयाीं करो .” इतना कह आटदराज अपने घर को चला गया . किला ने अपने पनत रणवीर को सारी बात कह सुनाई . रणवीर को असहनीय दुुःख था लेककन इतने पर भी िन अींदर से आटदराज की कोई िदद नही चाहता था .
किला तो अभी कु छ साल पहले ही आई थी लेककन रणवीर तो आटदराज को बचपन से जानते थे . आज की वववशता रणवीर को किला की खखलाफत नही करने देती थी . रणवीर किला के िन की हालत िीक से सिझ रहे थे . आज अगर किला रणवीर की जगह होती तो रणवीर भी वही करते जो किला कर रही थी .
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आटदराज अपने घर पहुींचा तो शोभराज को सािने बैिा पाया . आटदराज ने सारी बात अपने भाई को कह सुनाई . शोभराज का िन खखल उिा . श्जस काि को करने के मलए दोनों भाई अपनी जी जान लगा चुके थे और वो हुआ भी नही था लेककन आज वही काि इतनी आसानी से हो गया था . श्जसका अींदाज़ा इन लोगों को सपने िें भी नही था लेककन अभी काि इतना आसन भी नही था .
शोभराज के टदिाग िें सौ तरह के सवाल थे और िुश्ककलों की तो बाढ़ सी थी . अपने बड़े भाई से बोला , “ भाईसाहब हि लोग इस काि को श्जतना आसान सिझ रहे हैं दरअसल ये काि इतना आसन नही है . आज हि लोग रणवीर के इलाज िें पैसा दे दें तो भी उसकी जिीन मलखवाना इतना आसान नही होगा . रणवीर िीक होते ही हिारे पैसे बावपस कर सकता है . साथ ही रणवीर यह भी सवाल उिा सकता है कक इतने रूपये खचच कहााँ हुए श्जतने आप लोगों ने मलखे हैं . हिें कु छ और सोचना पड़ेगा .”