Mummatiya by Dharmendra Rajmangal Mummatiya by Dharmendra Rajmangal | Page 12

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आटदराज को अपने छोिे भाई की बात सच लगी लेककन कफर ऐसा क्या ककया जाय श्जससे रणवीर की जिीन हडपी जा सके . आटदराज सोचते हुए अपने भाई से बोला , “ शोभराज तुम्हारे टहसाब से कोई और तरकीब है श्जससे सब कु छ िीक हो सके . क्योंकक यही िौका है जब हि रणवीर से उसकी जिीन हधथया सकते हैं .”
शोभराज ने सोचते हुए हााँ िें सर टहला टदया . बोला , “ तरकीब तो है भाईसाहब लेककन उसको करना कै से है ये िुझको नही पता . अगर आप कु छ कर सको तो बताउीं ?”
आटदराज तो ऐसी तरकीब सुनने को बेताब था श्जससे उसके िींसूबे सफल हो सकें . बोला , “ अरे भाई शोभराज िेरे मलए कोई काि कटिन नही . कि से कि ये काि खेत िें हल चलाने से तो सरल होगा न . तू बता डाल . िैं इस सब के मलए कोई भी काि करने को तैयार हूाँ .”
आटदराज के चेहरे पर रािसपना साफ़ झलक रहा था . अींदर से कु छ ऐसी उत्तेजना थी जो बता रही थी कक वो रणवीर की जिीन को अपना करने के मलए कु छ भी कर सकता है .
शोभराज बड़े आत्िववकवास से बोला , “ रणवीर ककसी तरह िर जाय तो अपना काि बहुत आसान हो जायेगा और उसे िारने के मलए हिें ही कु छ करना पड़ेगा . क्योंकक उसकी बीिारी इतना बड़ी नही जो उसकी जान ले सके . अगर आप िेरी राय जानना चाहें तो िें रणवीर को जहर देने की बात कहूाँगा . अगर ककसी तरह आप रणवीर को जहर दे दें तो हिारी योजना बड़े आराि से पूरी हो जाएगी .”
आटदराज ककतना ही ननकम्िा था लेककन उसके टदल िें इतनी टहम्ित नही थी कक रणवीर के घर जा उसको जहर खखला सके . बोला , “ अरे पागल हो गया है तू शोभराज ? िैं रणवीर को जहर खखलाऊीं गा तो ककसी को पता नही पड़ेगा और ककसी को पता पड़ा तो िें जेल िें होऊीं गा और जिीन भी मिलने से रही . नही भाई तेरी ये योजना िुझे खतरे से भरी लगती है . कोई और तरकीब हो तो बता ?”
शोभराज अपने भाई को सिझता हुआ बोला , “ अरे भाई साहब पहले िेरी पूरी बात तो सुन लो . िैं श्जस जहर की बार कर रहा हूाँ वो ये जहर नही है जो आप सिझ रहे हो . िेरे पास ककसी और तरह का जहर है . इस जहर से आदिी तुरींत नही िरता .
कि से कि एकाध घींिे िें इसका असर होना शुरू होता है . ये सिझो कक िैं जो जहर आपको दू ींगा उसिे जहर की िारा बहुत कि होगी . इस कारण वो एकदि से ज्यादा टदक्कत नही करेगा लेककन रणवीर टदल्ली तक जाते जाते िर जायेगा .”
आटदराज अपने छोिे भाई की बात ध्यान से सुन रहा था . बोला , “ लेककन िैं ये जहर रणवीर को खखलाऊीं गा कै से ?” शोभराज ने थोडा सोचा और बोला , “ देखो . रणवीर के लगातार ददच तो होता ही है और जब हि लोग उसे टदल्ली लेकर चलने लगेंगे तो िेरी दी हुई जहर वाली दवाई तुि ये कहकर खखलाना कक ये ददच की