Mummatiya by Dharmendra Rajmangal Mummatiya by Dharmendra Rajmangal | Page 13

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दवाई है . िुझे पूरी उम्िीद है कक ये तरकीब बहुत जबरदस्त्त रहेगी . रणवीर की हालत खराब तो है ही . अगर वो रास्त्ते िें िर भी गया तो कोई हि पर शक नही करेगा .”
आटदराज का िन हल्का होकर खखल उिा . वो इस काि को बहुत कटिन सिझ रहा था लेककन शोभराज ने चुिककयों सरल कर टदया . आटदराज बोला , “ तो कफर वो जहर िुझे जल्दी से दे दे और तू भी िेरे साथ चल . उस रणवीर को टदल्ली लेकर चलना होगा . िैं पैसे ले लू ाँ तू वो जहर ला .” इतना कह आटदराज अपने किरे िें घुस गया . शोभराज भी उिकर चला गया . दोनों के टदिाग शानतरों की तरह तेज चल रहे थे .
थोड़ी ही देर िें दोनों एक जगह आ इकट्ठे हो गये . आटदराज हाथ िें पैसों का बिु आ मलए था और शोभराज हाथ िें कागज की छोिी सी पुडडया . आटदराज ने हैरत िें भर शोभराज से पूींछा , “ शोभराज क्या तेरे टदिाग िें ये प्लान पहले से था जो तू ये जहर मलए घूि रहा था ?” शोभराज की आाँखों िें लाली थी . बोला , “ िुझे िहीने भर से इस टदन का इन्तजार था लेककन कोई ऐसा िौका नही मिला जब िैं आपको ये सब बता पाता .”
आटदराज अपने भाई के टदिाग पर गवच कर उिा . बोला , “ भाई शोभराज तू वाकई िें बहुत तेज टदिाग है . अच्छा चल अब रणवीर के घर चलते है . ज्यादा देर करना िीक नही .” शोभराज ने अपने बड़े भाई की बात पर हााँ िें सर टहलाया और उसके साथ चल पड़ा .
एक अबला स्त्री को ववधवा बनाने की योजना . पाींच बच्चों को बबना बाप के श्जन्दगी जीने को िजबूर करने की योजना बना चुके इन दोनों भाइयों के टदल िें तननक भी भय या भावना नही थी .
रणवीर के घर किला के वपता और भाई भी आ चुके थे . इन लोगों को देख आटदराज और शोभराज को थोड़ी िायूसी हुई लेककन इनका इरादा नही बदला . किला चलने के मलए तैयार हो चुकी थी .
रणवीर के पेि िें हल्का ददच इस वक्त भी हो रहा था . जो लगभग चौबीसों घींिे होता ही रहता था . शोभराज ने रणवीर के पास बैि बड़े प्यार से पूींछा , “ भाई रणवीर अब कै सी हालत है तुम्हारी ? पहले से कु छ अींतर िहसूस होता है या नही ?”
रणवीर को ददच हो रहा था . जो ददच की गोमलयों से कि तो हो जाता था लेककन पूरी तरह िीक न हो रहा था . रणवीर को अपनी बीिारी जानलेवा लगती थी . रणवीर ने कराहते हुए कहा , “ भाईसाहब िुझे तो लगता है अब िैं िीक नही हो सकूाँ गा . आप लोग बेकार िें ही डॉक्िरों के पास चक्कर लगा रहे हैं . िेरी बीिारी पहले से बढ़ गयी है .”
शोभराज झूिे िन से बोला , “ रणवीर तुि कै सी बात करते हो . अरे कु छ भी नही होगा तुम्हें . अच्छा ये बताओ कक तुिने बीिार होने से पहले कु छ खाया था क्या ? ये बीिारी की शुरुआत कै से हुई ?”
रणवीर ने ददच को आवाज िें भरते हुए कहा , “ कु छ नही भाईसाहब बस पैि िें जा अिरुद खाए थे . बाकी