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कोई ऐसी चीज नही खायी श्जससे बीिारी हो सके . पता नही कहााँ से इस बीिारी ने िुझे आ घेरा .” शोभराज ने झूिे दुुःख िें हो सर टहलाया और बोला , “ अच्छा अभी अगर तुम्हारे ददच हो रहा हो तो दवाई खालो . आटदराज भाईसाहब तुम्हारे मलए दवाई लेते आये थे . इससे टदल्ली जाने पर रास्त्ते भर तुि आराि से रह सकोगे .”
रणवीर को आटदराज की दवाई खाने से बहुत डर लगता था . आटदराज ने पहले भी रणवीर को दवाई दी थी श्जससे रोग बढ़ गया था . साथ ही आटदराज के हाथ इलाज कराने से एक छोिा बच्चा भी िर चुका था लेककन पेि िें हो रहे ददच को देख रणवीर कु छ कह न सके .
किला भी बीच िें बोल पड़ी , “ हााँ खा लीश्जये न दवाई . कि से कि आराि से टदल्ली तक पहुींच जायेंगे . नही तो सफर िें ददच होने से दोगुनी परेशानी रहेगी .”
शोभराज ने आटदराज की तरफ देख कर कहा , “ भाईसाहब वो दवाई ननकामलए और किला तुि एक धगलास ताज़ा पानी ले आओ .” किला धगलास िें पानी लेने चली गयी . आटदराज ने काींपते हाथों से धीिे जहर की पुडडया ननकाल शोभराज की तरफ बढ़ा दी .
शोभराज ने पुडडया खोली . उसिें ननकली दो गोली रणवीर के हाथ पर रख दी . किला पानी का धगलास लेकर आ पहुींची . रणवीर ने गोमलयों को बड़े ध्यान देखा . िानो वो गोली न हो कु छ और हो . किला ने रणवीर के हाथ िें पानी पकड़ा टदया . रणवीर ने न चाहते हुए भी पानी के साथ उन दो गोमलयों को खा मलया .
रणवीर को नही पता था कक उसने ककस चीज की गोमलयाीं खा ली हैं . किला तो शोभराज और आटदराज की एहसानिन्द हो गयी थी . उसे लगता था कक उन दोनों भाइयों को रणवीर की बहुत कफकर है . बेचारी नही जानती थी कक आज उसके सुहाग पर बन पड़ेगी . वो ये नही जानती थी कक ये एहसान नही सरासर हैवाननयत है . काश वो सिझ जाती ”
शोभराज ने आटदराज की तरफ आनींटदत हो देखा लेककन आटदराज की आाँखों िें थोडा खौंफ था . शोभराज ने किला से कहा , “ किला यहााँ से रणवीर को ककस वाहन िें लेकर चलना है . क्या एम्बुलेंस वगैरह का इींतजाि है ?” किला घूाँघि ककये वहीीं खड़ी थी . बड़े अदब से बोली , “ जी दद्दा गााँव से बैलगाड़ी िें लेकर चलेंगे . कफर बस स्त्िैंड पर पहुींच बस िें बैि जायेंगे . क्योंकक यहााँ तो कोई गाडी या एम्बुलेंस नही मिलती .”
शोभराज ने थोडा सोचा कफर बोला , “ अच्छा . चलो कफर उस बैलगाड़ी को जल्दी से बुलवा लो .” किला ने शोभराज की बात सुन अपने एक बच्चे को पड़ोसी के घर भेज टदया . श्जसकी बैलगाड़ी इन सब लोगों बस स्त्िैंड तक छोड़कर आने वाली थी .
पडोसी थोड़ी ही देर िें अपनी बैलगाड़ी तैयार कर रणवीर के घर के बाहर आ खड़ा हुआ . रणवीर को सहारा दे लोगों ने बैलगाड़ी िें मलिा टदया गया . किला के बच्चे अपने िााँ और बाप के साथ जाना चाहते थे लेककन