May-June 2024_DA | Page 24

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ओबीसी आरषिण मुस्लिमों को क्ों ?

संजय दीक्षित

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सशचम बंगाल के कोलकाता उच्च नयायालय ने 2010 से 2024 की अवधि के मधय राजय में अनय पिछड़ा वर्ग ( ओबीसी ) श्रेणी में आरक्षण के लिए जारी किए गए सभी प्रमाणपत्ों को िद् कर दिया है । उच्च नयायालय का यह निर्णय राजय की पूर्वविटी वामपंथी एवं ममता सरकार के लिए बड़ा झर्का है कयोंकि 2010 से ओबीसी आरक्षण में मुससलम वर्ग को शामिल करके तुसष्र्करण एवं हिनदू विरोध की राजनीति की जा रही थी । इस निर्णय के बाद िद् हुए पांच लाख से अधिक ओबीसी प्रमाण पत् धारक अब विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे । इनमें से अधिकांश मुससलम वर्ग के हैं , जिनमें अवैध रूप से राजय में रहने वाले बांगलादेशी मुससलम भी शामिल हैं ।
गत 22 मई को उच्च नयायालय की नयायमूर्ति तपोब्ि चरिविटी और नयायमूर्ति राजशेखर मंथर की खंडपीठ ने अपने निर्णय में ओबीसी श्रेणी
नए प्रमाणपत् जारी करने पर रोक लगाते हुए स्पष्ट कर दिया कि 2010 से पहले की सूची के आधार पर जिन लोगों को आरक्षण का लाभ मिला है , उन पर यह निर्णय लागू नहीं होगा । अपनी तर्पपणी में खंडपीठ ने जहां राजनीतिक उद्ेशय के लिए मुससलमों को ओबीसी आरक्षण दिए जाने को लोकतंत् का अपमान बताया , वहीं राजय पिछड़ा वर्ग कलयाण विभाग को राजय पिछड़ा वर्ग आयोग के परामर्श से एक ऐसी रिपोर््ट तैयार करने का तनददेश दिया , जिसमें राजय की ओबीसी सूची से नए वगषों को शामिल करने या शेर् वगषों को बाहर करने की सिफारिशें भी होनी चाहिए । नयायालय के अनुसार नई ओबीसी आरक्षण सूची 1993 अधिनियम के अनुसार तैयार होने के बाद राजय में लागू की जाएगी ।
जानकारी हो कि राजय में ओबीसी श्रेणी के लिए कुल 17 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है । आरक्षण की वयवसथा में 2010 के बाद जिस तरह की वयवसथा की गई , उससे ओबीसी आरक्षण को वोर् बैंक और तुसष्र्करण की
राजनीति के लिए दो हिससों में बांर् दिया गया । पहले हिससे में 10 प्रतिशत आरक्षण में कुल 81 वर्ग रखे गए , जिनमें 56 मुससलम वर्ग के हैं । इसी तरह दूसरे हिससे में सात प्रतिशत आरक्षण के लिए 99 वर्ग को रखा गया , जिनमें 41 मुससलम वर्ग के हैं । राजय में रहने वाले वैध- अवैध मुससलम वर्ग को साधने के लिए ओबीसी आरक्षण में हुए खेल में वामपंथी , कांग्ेस और अनय क्षेत्ीय राजनीतिक दलों की समान भूमिका रही । उच्च नयायालय में यह मामला 2011 से ही विचाराधीन था । लेकिन अब उच्च नयायालय ने अपने निर्णय में राजनीतिक उद्ेशय के लिए मुससलमों ओबीसी आरक्षण दिए जाने को लोकतंत् का अपमान बताया है ।
कोलकाता उच्च नयायालय के निर्णय के बाद से देश के उन सभी राजयों में राजनीतिक हड़कंप की ससथति पैदा हो गई है , जिन राजयों में मुससलम वर्ग को ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल रहा है । जानकारी के अनुसार उत्ि प्रदेश , राजसथान , बिहार , तेलंगाना , आंध्र प्रदेश , केरल , तमिलनाडु ,
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