May 2025_DA | Page 12

डा. आंबेडकर जयंती

कर रहे हैं ।
प्रधानमंरिी ने कहा कि संविधान ने एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्ण का प्रावधान मक्या । लेकिन कांग्ेस ने आरक्ण की कभी परवाह नहीं की । राजनीतिक खेल खेलने के लिए कांग्ेस ने, डा. आंबेडकर ने जो सपना देखा था, सामाजिक न् ्या्य के लिए संविधान में जो व्यवस्ा की थी, उसको भी पीठ में छुरा घोंपकर उस संविधान के उस प्रावधान को तुन््टकरण का माध्यम बना मद्या । कर्नाटका की कांग्ेस सरकार ने टेंडर में अब एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकार छीनकर धर्म के आधार पर आरक्ण दे मद्या । जबकि संविधान में बाबासाहब आंबेडकर ने साफ-साफ शबदों में कहा था कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्ण की व्यवस्ा नहीं की जाएगी और हमारे संविधान ने धर्म के आधार पर आरक्ण के लिए प्रतिबंध लगा हुआ है । लेकिन इसके माध्यम से कांग्ेस ने सिर्फ कुछ कट्टरपंम््यों को ही खुश मक्या । बाकी समाज, बेहाल रहा, अमशमक्त रहा, गरीब रहा । कांग्ेस की इस कुनीति का सबसे बड़ा प्रमाण, वकफ कानदून है । देश सवतत्रि होने के बाद, 2013 तक वक्‍फ का कानदून चिलता था, लेकिन चिुनाव जीतने के लिए तुन््टकरण की राजनीति के लिए, वोटबैंक की राजनीति के लिए, 2013 के आखिर में आखिरी सरि में कांग्ेस ने इतने वरषों तक चिल रहे वकफ कानदून में आनन-फानन संशोधन कर मद्या, ताकि चिुनाव में वोट पा सकें । वोट बैंक को खुश करने के लिए, इस कानदून को ऐसा बना मद्या कि ्यह संविधान और बाबासाहब का सबसे बड़ा अपमान है ।
प्रधानमंरिी मोदी ने बता्या कि उनकी सरकार ने डा. आंबेडकर की प्रेरणा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचिाने के लिए अनेक महतवपदूणता कदम उठाए । बाबासाहब देश और दुमन्या में जहां-जहां रहे, वह सभी स्ान उपेमक्त थे । मुंबई के इंदु मिल में बाबासाहब का समारक बनाने के लिए भी देशभर में लोगों को आंदोलन करना पड़ा । लेकिन उनकी सरकार ने आते ही इंदु मिल के साथ-साथ, बाबासाहब आंबेडकर की महदू की जन्मभदूमि, लंदन की शिक्ाभदूमि हो, दिलली में उनकी महापरिनिर्वाण स्ली और नागपुर की दीक्ाभदूमि का विकास करके पंचितीर्थ के रूप में विकसित मक्या है । कांग्ेस ने बाबासाहब आंबेडकर और चिौधरी चिरण सिंह जैसे दोनों महान सपदूतों को भारत रत्न नहीं मद्या था । बाबासाहब आंबेडकर को भारतरत्न तब मिला, जब केंद् में भाजपा के समर्थन वाली सरकार बनी । गर्व है कि भाजपा की ही सरकार ने चिौधरी चिरण सिंह को भी भारत रत्न मद्या है ।

राष्ट्र सर्वप्रथम और राष्ट्र सिवोपरि की भावना के अग्रददूत बाबासाहब: राजनाथ सिंह

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