हर समय सहरिय रहने वाले पंडित मालवीय ने काशी हिन्दू हव्वहवद्ालय निर्माण के लिए कुम्भ मेले से ही इतना चंदा जुटाया था , जिसकी उमरी् किसी को नहीं थी । माघ और कुम्भ मेले के आयोजन के बाद पंडित मालवीय सवयं गंगा तटों की सफाई में जुट जाते थे और त्भी रुकते थे , जब साफ़-सफाई के बाद रदूरा गंगा तट सवचछ दिखाई देने लगता था । इस कार्य में उनका साथ स्ानीय सफाईकरजी ्भी देते थे , जिनका वह और प्यागराज के लोगों द्ारा समरान किया जाता था । सामाजिक समरसता का यह सजीव दृ्य किसी समय प्याग में दिखाई देता था , वैसा ही दृ्य 2025 में उस समय पुनः दिखाई दिया , जब उतिर प््ेश के मुखयरंरिी योगी आदितयनाथ महाकुम्भ का समापन होने के बाद प्याग में
गंगा तट की सफाई और फिर सफाईकर्मियों का समरान कर रहे थे । यह दृ्य ऐसा था , जिसने एक बाद फिर पंडित मदन मोहन मालवीय की याद को ताजा कर दिया ।
सफाईकर्मियों ने बनाया रिकार्ड
प्यागराज में आयोजित महाकुं्भ ने श्रद्ालुओं
की संखया में ही नहीं , बल्क सवचछता के मामले में ्भी एक नया इतिहास रचा है । अबकी बार महाकुं्भ मेला नगर के चार अलग-अलग क्ेरिों में एक साथ 19 हजार सफाईकर्मियों ने मिलकर सफाई करते हुए झाड़ू लगाने का एक नया हव्व रिकलॉड्ट बनाया है । सामाजिक समरसता का सन्ेश देने वाली यह पहल न केवल महाकुं्भ
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