March 2025_DA | Page 10

कवर स्टोरी

के सवचछता अह्भयान को सश्त करने का प्तीक बन गई , बल्क इस सफाई अह्भयान से जुड़े हर वयक्त के लिए प्ेरणा का एक कारण ्भी बन गई ।
गत 14 फरवरी को तीन सौ से अधिक कर्मचारियों ने एक साथ गंगा नदी की सफाई करके हव्व रिकलॉड्ट बनाया । महाकुं्भ के समापन के बाद पंद्रह हजार से अधिक सफाईकर्मियों ने दस किलोमीटर क्ेरि में सफाई अह्भयान चलाने का रिकलॉड्ट बना डाला । महाकुं्भ के आयोजन की सववोच्च प्ा्हरकताएं , गंगा की रहवरिता बनाए रखना , प्रभावी अपशिषट प्बंधन और पलाकसटक मु्त क्ेरि बनाना था । आयोजन को पर्यावरणीय जिमरे्ारी के लिए एक मानक के रूप में प्सतुत किया गया , जिसमें रदूरे मेला क्ेरि में सवचछता बनाए रखने पर जोर दिया गया । मेला परिसर में क्ेरि में 28 हजार से अधिक शौचालय स्ाहरत किए गए । इनका उद्े्य सवचछता सुनिश्चत करते हुए पर्यावरण के अनुकूल दृकषटकोण को प्ोतसािन देना रहा । इसके अतिरर्त , पर्यावरण के अनुकूल प््ाओं को बढावा देते हुए श्रद्ालुओं के लिए सुविधाजनक और सवचछ अनु्भव सुनिश्चत करने के लिए 20 हजार सामुदायिक मूत्रालय को स्ाहरत करके मेला क्ेरि की सफाई को सुनिश्चत किया गया ।
महाकुं्भ 2025 हसफ़्क एक धार्मिक आयोजन नहीं , बल्क पर्यावरण संरक्ण और सवचछता का एक आदर्श उदाहरण बन गया । यह गंगा
की रहवरिता बनाए रखने , दीर्घकालीन कचरा प्बंधन और पलाकसटक मु्त क्ेरि बनाने की दिशा में सरकार एवं आम जनमानस के प्यासों को दर्शाता है । इस रहवरि आयोजन के ज़रिए समाज में सवचछता और पर्यावरण संरक्ण के प्हत जागरूकता एवं सवचछता की यह पहल न हसफ़्क मौजदू्ा पीढी को बल्क आने वाली पीहढयों को ्भी प्ेरणा देगी । प्यागराज महाकुं्भ सवचछता और सुवयवकस्त प्बंधन का प्तीक बन चुका है , जहां हर स्ान पर्व के बाद वयारक सतर पर सफाई अह्भयान चलाकर घाटों को फिर से रहवरि और निर्मल बनाया जाता है । यह प्शासन की एक अनदू्ठी पहल है , जिससे श्रद्ालुओं को निरंतर सवचछ और दिवय वातावरण में आधयाकतरक अनु्भव प्ापत होता रहा । हरिवेणी संगम को सवचछ , निर्मल बनाने के लिए न केवल मानवीय , बल्क आधुनिक तरीके से ्भी गंगा- यमुना के संगम को सवचछ बनाने का काम किया गया । इसके लिए ट्ररैश सकीरर मशीन लगाई गई , जिसने प्हतह्न दस से पंद्रह टन कचरा निकालने का काम किया । संगम में स्ान के लिए आने वाले श्रद्ालुओं को साफ और सवचछ जल मिलने की दृकषट से यह मशीन अपनी उपयोगिता पर खरी उतरी ।
इसी तरह मेले में 10,109 हजार लोगों ने महज आ्ठ घंटे में अपने पंजे का छापा लगाकर महाकुं्भ के प्हत अपनी आस्ा प्कट करने के साथ हव्व रिकलॉड्ट ्भी बनाया । मेला प्शासन ने अपना ही रिकलॉड्ट तोड़ा जो कुं्भ 2019 में
बनाया गया था । हैंड हप्ंहटंग पेंटिंग का नया कीर्तिमान बनाने के लिए गंगा पंडाल में कैनवास लगाया गया , जिसे लेकर लोगों में खासा उतसाि दिखा । इसके साथ ही बसों की सबसे लंबी परेड का हव्व रिकार्ड ्भी मेले में बना । गत 28 फरवरी , 2019 को 503 विशेष कुम्भ मेला बसों की प्यागराज शहर में 3.2 किलोमीटर की लमबी परेड की गई ।
पौष रदूहण्मरा से लेकर महाशिवराहरि तक आयोजित महाकुं्भ मेले में मारि ्भारत ही नहीं , वरन हव्व के अनेक देशों से आए आस्ावान लोगों का जनसमुद्र सरषट रूप से स्भी ने देखा । महाकुं्भ में लग्भग 67 करोड़ श्रद्ालुओं ने माता गंगा के जल में आस्थापूर्ण डुबकी लगाकर ्भारत को सामाजिक , सांस्कृतिक एवं आर्थिक रूप से समृद् किया । सनातन आस्ा एवं हिन्दू धर्म-संस्कृति के प्हत गदूढ हव्वास के प्हतफल के रूप में महाकुं्भ ्भारत को एक सश्त राषट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हसद् हुआ है । जाति-पांति , असरृ्यता , शारीरिक ्दूरी जैसी कुप््ाओं का महाकुं्भ में कोई स्ान नहीं रहा । हर कोई , बस एक ही ्भाव से यहां आया कि माता गंगा की शरण में जाना है । 144 वर्ष अंतराल पर आयोजित यह महाकुं्भ स्ान , दान , ज्ञान एवं अमृत प्ाकपत की दृकषट से अंसखय लोगों के लिए आस्ा का ऐसा केंद्र बना कि संगम तट पर सिर्फ मानव की ्भीड़ दिखाई दे रही थी , जहां वयक्त का अपना कोई वजदू् नहीं था । सरदूहिता और समरसता इसका विशेष गुण रहा ।
सफाईकर्मियों सहित अन्य का सममान
महाकुं्भ के सफल आयोजन से अह्भ्भदूत मुखयरंरिी योगी आदितयनाथ जब अंतिम दिन औपचारिक रदूणा्मिुति के लिए प्यागराज पहुंचे , तो उनिोंने मेले को सफल बनाने में अहम ्भदूहरका हन्भाने वाले सवासरय कर्मचारियों , सफाईकर्मियों और नौका चालकों को समराहनत किया । इतना ही नहीं , उनिोंने बस चालकों और परिचालकों की ्भी सराहना की और उनके लिए अपना खजाना खोल दिया । प्यागराज पहुंचे मुखयरंरिी
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