योगी ने सबसे पहले घाट की साफ-सफाई की । इसके बाद वह महाकुं्भ मेले को सफल बनाने में अहम ्भदूहरका हन्भाने वाले अलग-अलग क्ेरि के लोगों से मिलकर उनिें समराहनत किया । नाव चालकों के लिए उनिोंने नई वयवस्ा बनाने की घोषणा की , जिसमें उनिें पांच लाख रुपए का बीमा , गरीब नाविकों को नाव खरीदने के लिए धनराशि और आयुषरान ्भारत योजना के तहत सवासरय बीमे का ला्भ मिलेगा । इसी तरह सफाई कर्मचारियों को 10 हजार का बोनस देने के साथ ही कम से कम 16 हजार रुपए प्हत माह का ला्भ देने की घोषणा की है । महाकुं्भ में उतिर प््ेश परिवहन के चालक और परिचालकों को ्भी धनयवाद देते हुए मुखयरंरिी योगी ने दस हजार रुपए का बोनस अनय ला्भ देने की घोषणा की । पुलिस एवं अनय सुरक्ा कर्मियों को ्भी दस हजार बोनस सहित अनय ला्भ देकर मुखयरंरिी योगी से स्भी को महाकुं्भ के सफल आयोजन के लिए हृदय से धनयवाद ्भी दिया ।
दलित एवं आदिवासी बने सन्यासी
महाकुं्भ के दौरान हवह्भन्न अखाड़ों ने अपने
नए शिषयों के रूप में आ्ठ हजार से अधिक नया नागा सनयाहसयों को सकमरहलत किया , वही लग्भग 19 सौ दलित एवं आदिवासी जन ने सनातन धर्मधवजा उ्ठाने के लिए सनयास ग्िण कर लिया । इसके साथ ही लग्भग तरह सौ महिला ्भी संत परमररा से जुड़ गई । महाकुं्भ के दौरान सामाजिक सरोकारों पर ्भी चिंतन एवं विमर्श किया गया । ऐसा पहली बार हुआ जब धार्मिक परमरराओं के साथ ही उन विषयों पर ्भी चिंतन किया गया , जो ्भहवषय में जनजीवन के लिए संकट का कारण बन सकती हैं । चिंतन , मनन और विमर्श की प्हरिया में युवाओं की सि्भागिता यह दर्शाती है कि महाकुं्भ के अमृत ने नई चेतना का संचार किया है । वासतव में महाकुं्भ मारि धार्मिक आयोजन के स्ान पर सामाजिक , सांस्कृतिक एवं आधयाकतरक एकता के महोतसव के रूप में प्हतकष्ठत हुआ है ।
वैतशवक स्तर पर मील का पत्र बना महाकुंभ
अबकी बार महाकुं्भ कृत्रिम बुहद्रतिा ( एआई ) द्ारा संचालित ्भीड़ निगरानी तंरि , ड्ोन निगरानी तंरि , ्भीड़ के रदूवा्मनुमान हव्लेरण , सटीक यातायात प्बंधन ने करोड़ों लोगों की
्भीड़ की निर्बाध आवाजाही , सुरक्ा और आपातकालीन हरियाओं को सुनिश्चत किया । सटीक वयवस्ा एवं प्बंधन के कारण महाकुं्भ वैश्वक सतर पर एक धार्मिक , सांस्कृतिक , राजनयिक , आर्थिक एवं रणनीतिक दृकषट से ्भारत की एक अलग छवि बनी है । हव्व का सबसे बड़ा मानव समागम होने के कारण हव्व के अनेकों देशों के राजनयिक , अंतरा्मषट्रीय मीडिया , निवेशक एवं वयावसायिक जगत के लोग ्भी महाकुं्भ की ्भीड़ में दिखाई दिए । वासतव में महाकुं्भ ने ्भारत को सांस्कृतिक एवं आस्ा आधारित धार्मिक पर्यटन देश के रूप में ्भी स्ाहरत किया है । वैश्वक पर्यटकों एवं मीडिया के लिए महाकुं्भ एक दुल्म्भ दृ्य अनु्भव रहा । इसी तरह कलाकारों , संगीतकारों , नर्तक , लोकगायकों सहित अपनी-अपनी विधा में पारंगत कलाकारों ने कुं्भ स्ल को कला महोतसव में परिवर्तित कर दिया , जिसे देख कर हर कोई ्भारत की आधयाकतरकता को अपने मन में महसदूस करने के लिए बाधय था । गंगा पंडाल में आयोजित सांस्कृतिक महाकुं्भ में देश के प्हतकष्ठत कलाकार अपनी प्सतुहतयों से श्रद्ालुओं को मंरिरुगध किया । हवह्भन्न ्भारतीय शासरिीय नृतय और संगीत विधाओं के प्हतकष्ठत कलाकार
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