कवर स्टोरी
र्हाकुं भ र्ें विश्व ने देखी सनातन की आध्ात्मिक शक्ति
महामना मालवीय की याद को ताजा किया योगी आदित्यनाथ ने
स्वच्छता अभियान में
सकरिय रहे सफाईकर्मियों का हु आ सम्ान
जाति-पांति एवं भेदभाव का नहीं रहा कोई स्ान
सामाजिक समरसता का सर्वश्ेष्ठ प्रतीक बना महाकुं भ
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रत में ' महामना ' के नाम से रदूजय पंडित मदन मोहन मालवीय का जनर उतिर प््ेश कस्त प्यागराज में 25 दिसमबर 1861 को हुआ था । बचपन से ही वह गंगा तट पर प्ककृहत की गोद में बै्ठकर ्भारत की सवतंरिता और राषट्र निर्माण को लेकर गहन चिंतन में मग्न रहते थे । अंगेरी राज में जब धार्मिक सवतंरिता को जकड़ने के प्यास करते हुए जब प्याग में आस्ा केंद्र संगम में गंगा स्ान पर रोक लगाने और कुं्भ मेले को बाधित करने का प्यास किया गया , उस समय धार्मिक सवतंरिता के लिए सबसे पहले पंडित मालवीय ने संगम में छलांग लगा कर अंग्ेजों को कड़ा उतिर दिया । प्यागराज में आयोजित होने वाले माघ मेले और कुम्भ-महाकुम्भ मेले के दौरान
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