March 2025_DA | Page 30

जानकारी

संविधान निर्माण र्ें डा . बी . आर .

आंबेडकर की भूनर्का

साहब डा . ्भीमराव आंबेडकर संविधान स्भा की प्ारूप समिति बाबा

के अधयक् ्भर थे तो संविधान बनाने का रदूरा श्रेय उनिें ही ्यों दिया जाता है ? आखिर जब संविधान स्भा में कुल 389 सदसय थे , तो अकेले आंबेडकर को ही इतनी तवज्ो ्यों दी जाती है ? डा . ्भीमराव बाबा आंबेडकर को ्भारतीय संविधान का जनक ्यों कहा जाता है ? आखिर ्यों लोग मानते हैं कि ्भारत का जो संविधान है , उसे डा . आंबेडकर ने ही बनाया था ? यह प्श्न हर किसी के जेहन में आते हैं । हद्तीय हव्वयुद् की समाकपत के साथ ही यह तय हो गया था कि अब अंग्ेज ्भारत पर लंबे
व्त तक शासन नहीं कर सकेंगे । लेकिन अगर अंग्ेज ्भारत छोड़कर जाते हैं तो इतने बड़े देश की जिमरे्ारी सौंपी किसे जाए ? आखिर वह कौन होगा , जिसके हवाले रदूरा देश होगा ? आखिर कांग्ेस में वह कौन-कौन से नेता होंगे , जिनिें अंग्ेज देश चलाने की जिमरे्ारी देंगे ?। इनिीं प्श्नों का जवाब तलाशने के लिए 23 मार्च 1946 को कैबिनेट मिशन का दल ह््ली पहुंचा ।
सितंबर-1946 में बनी अंतरिम सरकार
इस टीम में तीन लोग शामिल थे । पैट्रिक ललॉरेंस , सर सटेफोर्ड हरिपस और ए . बी .
अले्जेंडर । इस दल ने स्भी पक्ों से मिलकर बात की । 16 मई 1946 को कैबिनेट मिशन इस निषकर्ष पर पहुंचा कि ्भारत की आजादी के बाद अंग्ेज ्भारत की सतिा संविधान स्भा को सौंप देंगे । इस संविधान स्भा में कौन-कौन होगा , इसके लिए चुनाव होगा । यह ्भी तय हुआ कि संविधान स्भा में कुल 389 सदसय होंगे , जिनमें 292 सदसय प्ांतों से और 93 सदसय हप्ंसली सटेरस यानी रियासतों से होने थे । 25 जदून को कैबिनेट मिशन की इस योजना पर आम सहमति बन गई । 29 जदून को मिशन वापस लौट गया । इसी मिशन की सिफारिशों के तहत अंतरिम सरकार का ग्ठन हुआ , जिसमें 2 सितंबर 1946
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