मिला है जो हमारी विविधताओं , जिसे हमारी कमजोरी माना जाता था , उसे एक ताकत के रूप में त्दीि कर रहा है । अपने ईमानदार , दूरदर्शितापूर्ण , साहसिक और कई बार रिांलतकारी निर्णयों से एक समृद्ध , खुशहाल और सशकत भारत का निर्माण करने में जुटे प्रधानमंत्ी मोदी के प्रयासों से विशव में एक भरोसेमंद ‘ ब्ाणड इंडिया ’ की सथापना हुई है और पूरी दुनिया में एक शसकत के रूप में भारत का उदय हुआ है । मोदी सरकार ने एक भरोसेमंद और मजबूत सरकार के रूप में अपनी पहचान बनाई है । मोदी सरकार ने ‘ सबका साथ , सबका विकास ’ की भावना के साथ देश की जिममेदारी अपने हाथों में ली थी , उसी के अनुरूप आज सरकार ने देश में सभी वगगों के सशसकतकरण के लिए बेहतर योजनाएं बनाई हैं और उनका सफल
लरियानव्न भी किया और इसका परिणाम 2019 के आम चुनाव में मिली जीत के रूप में सामने आया और 2024 में एक बार फिर देश की जनता प्रधानमंत्ी नरेंद् मोदी को सत्ा की कमान देने के लिए तैयार है ।
विरोधी दलों के तमाम दावों के बावजूद मोदी सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में देश के हर वर्ग , गरीब , किसान , मजदूर , महिलाएं , बच्ें , युवा और निःशकत सभी के कल्ाण के कार्य किए हैं । ‘ एक भारत-श्रेष्ठ भारत ’ के सपने को साकार करने में जुटी मोदी सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का एक भी आरोप न लगना साथ ही सोशल मीडिया और अन् माध्मों से लोगों से आसानी से जुड़े रहना भी मोदी सरकार की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह है । ऐसे में सत्ा की भूख से छटपटाती कांग्ेस
एवं विचारधारा को मिटते हुए देखते वामपंथी दल किसी भी प्रकार से वापसी के लिए नागरिकता संशोधन कानून पर जनता को बरगलाकर पूरे देश को भ्रमित करने की कोशिश में जुटे हैं । लेकिन वह यह भूल गए है कि भाजपा , प्रधानमंत्ी नरेनद् मोदी , गृहमंत्ी अमित शाह एवं चट्टान की तरह खड़े है । भारत में पडोसी देशों से सताये हुए उन देशों के सभी अलपसंख्ों के साथ भारत को नागरिकता के पक् में है । ऐसे में कांग्ेस और उसके सहयोगियों के साथ ही वामपंथियों की कोई भी देश विरोधी कोशिश सफल नहीं हो सकेगी ।
डा . आंबेडकर भी चाहते थे नागरिकता कानून
जब देश का बंटवारा हो रहा था , उस समय भारत में डा . भीमराव आंबेडकर पाकिसतान में छूट गए हिनदुओं एवं सिखों को भारत लाने के पक् में थे । यही कारण था कि उनिोंने नागरिकता कानून का उलिेख संविधान में सरल एवं सुसपष्र रूप से किया । उनको पता था कि किस प्रकार दलितों को पाकिसतान में प्रताड़ित , उतपीलड़त एवं अपमानित होना पड़ेगा । जब धार्मिक उनमांद में पाकिसतानीयों ने अपने कानून मंत्ी एवं संविधान निर्माता को नहीं छोड़ा तो सामान् दलितों की वहां आज भी क्ा दशा होगी । इसीलिए डा . आंबेडकर चाहते थे कि पाकिसतान से समपूण्ग हिनदू जनसंख्ा ( समपूण्ग दलित समाज ) भारत आकर सुकरून से रहे । वासतव में आज यह समझने से आवश्कता है कि मुसलमानों के लिए तो 59 देश है किनतु हिनदुओं के लिए तो केवल एक देश हिनदुसतान यानी भारत है । यदि पाकिसतान एवं बांगिादेश के दलित हिनदू धार्मिक रूप से प्रताडित होने के कारण भारत नही आयेगे तो वह कहा जायेंगे ? इसलिए भारत के दलित यदि बहकावे में आकर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करेंगे तो यह दलितों के साथ घात होगा । इसलिए मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय को समझने और सराहने की जरुरत है क्ोंकि यह निर्णय न्ू इंडिया के निर्माण में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह करेगा ।
ekpZ 2024 23