March 2024_DA | Page 22

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विरोध क्ों किया जा रहा ?
-बंटवारे के बाद ईसिालमक देश बने पाकिसतान और बांगिादेश में प्रताड़ित दलित हिनदुओं को हिनदू धर्म के नाम पर बने भारत में शरण और नागरिकता के विरूद्ध कांग्ेस पारटी एवं अन् दल क्ों उठ खड़े हुए हैं ?
-नागरिकता ( संशोधन ) कानून पहली बार नहीं अपितु सात बार और बना किनतु उन कानूनों को कांग्ेस पारटी द्ारा क्ों बेअसर कर दिया जाता रहा ?
-जब भाजपा ने कानून बनाकर लागू किया तो कांग्ेस और उनके सहयोगी बौखलाए हुए क्ों हैं ?
वासतव में देखा जाए तो कांग्ेस और उसके सहयोगी दलों के साथ ही वामपंथी दल और उनके संगठन नागरिक ( संशोधन ) अधिनियम 2019 के विरोध में खुलकर सामने आ चुके हैं । इसके पीछे छिपे मूल कारण को बहुत आसानी के साथ समझा जा सकता है । प्रधानमंत्ी मोदी राजनीतिक भारत के नए प्रतीक के रूप में उभरे हैं और हिनदू धर्म में उनकी गहरी जड़ें हैं । उनिोंने अपने परमपरागत विशवासों को बहुत विशाल उदारवादी रूप में पेश किया है । ‘ सबका साथ सबका विकास ’ का उनका नया मंत् नवभारत के लिए एक प्रकार का नया मंदिर ही है । उनका राजनीतिक-आर्थिक-सामाजिक संदेश सही अथगों में समाज के सभी वगगों को झकझोर रहा है और वह सर्व धर्म समभाव की नीति को लेकर चल रहे हैं । सर्वधर्म समभाव आज की सबसे बड़ी जरूरत है । आज हमारे देश में जैसे हालात हैं उनमें यह समभाव या समनव् और भी जरूरी हो गया है ।
सबका साथ-सबका विकास का मंत्
पिछले 50-60 साल से कांग्ेस और उनके सहयोगी दल जाति और पंथ के आधार पर देश को बांटने का काम करती रही है और मोदी सरकार सर्व पंथ समभाव तथा सबका साथ , सबका विकास की भावना के साथ इसे पाटने में लगी हुई है । धर्म के आधार पर समाज को
विभाजित करने की राजनीति के पीछे पूरी तरह से कांग्ेस की नीतियां जिममेदार रही हैं । इसके बावजूद भारत में धार्मिक विविधता के बावजूद धार्मिक एकता का अनूठा उदाहरण पेश करता है ।
देश की सत्ा संभालने के बाद प्रधानमंत्ी नरेंद् मोदी ने ‘ सबका साथ और सबका विकास ’ का नारा दिया और उसी दिशा में बढ़ती हुई उनकी सरकार काम कर रही है । यह मोदी सरकार की नीतियां ही हैं , जिनके आधार पर हम यह कह सकते हैं कि उनिोंने भारत जैसे लोकतंत् में सरकार के कामकाज की पद्धति में आमूलचूल बदलाव किया और जनसरोकार से जुडी चुनौतियों से निपटने एवं सामान् लोगों की समस्ा को मिटाने में लग गए । देश में बड़ी संख्ा में रहने वाली गरीब जनता के कल्ाण
से लेकर मोदी सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में जाति-धर्म आधारित कथित विकास को पीछे छोड़कर मोदी सरकार हर जाति , धर्म या वर्ग के लोगों के समग् विकास के लिए बिना किसी भेदभाव के काम कर रही है ।
मोदी सरकार ने देश में सामाजिक समरसता की हरसंभव कोशिश की है और इसका प्रभाव देश के विकास पर भी पड़ा है । मोदी सरकार की ठोस उपलब्ध यही है कि लोगों को यह भरोसा हुआ कि एक बड़े फैसले लेने की ताकत इस सरकार में है । साथ ही नरेंद् मोदी ने राजनीति की कार्यसंसकृलत को बदला है । कहना गलत नहीं लगता कि देश की जनता ने जितनी उममीद से मोदी जी पर भरोसा जताया था , उससे कहीं ज्ादा उनिोंने उस भरोसे को पूरा करके दिखाया है । पहली बार देश को एक ऐसा प्रधानमंत्ी
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