March 2024_DA | Page 16

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ने बलपूर्वक रोककर उनिें पाकिसतान से भागने अथवा भारत आने नहीं दिया और तीसरा यह कि ततकािीन समय में कुछ सवाथटी दलित नेताओं ने उनिें झूठा आशवासन देकर उनको भ्रमित करके वहीं रोक लिया था ।
जिन्ा और मंडल ने धोखा किया दलितों के साथ
इन कारणों के परिप्रेक्् में इतिहास पर ध्ान
देना आवश्क हो जाता है । याद कीजिए , जिस समय 1947 में भारत का बंटवारा करने का निर्णय लिया गया था , उस समय पसशिमी पाकिसतान एवं पूवटी पाकिसतान के मुससिम नेता मोहममद अली जिन्ना एवं दलित नेता जोगेनद् नाथ मंडल द्ारा मुहिम चलाकर दलितों को वहां रोका गया था । जिन्ना को हम सभी उस गुजराती हिनदू के रूप में भी जानते हैं , जिसका परिवार गुजरात के काठियावाड़ को छोड़ कर सिनध में
जाकर बस गया और फिर मुससिम धर्म अपना लिया । उसी गुजराती परिवार में जनम लेने वाले जिन्ना अपनी शिक्ा पूरी करने के बाद भारत को अंग्ेजों से मुकत करने के लिए सवतंत्ता संग्ाम में तो करूद गया , पर उनकी निगाह भारत की सवतंत्ता करने की बजाए अपने हितों के अनुरूप देखे गए सपने को पूरा करने की थी । यही कारण था जिन्ना ने सबसे पहले धार्मिक सवतंत्ता के नाम पर उठायी गयी मुससिम लीग की अलग
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