Mai aur Tum मैं और तुम | Page 6

अब तुम ऐस करती होगी अब तो तुम उस हर बात उसके कंधे पर सर रखके सो बताती जाती होगी , होगी । लड़ लेती होगी हर छोटी-छोटी बात पर उससे , अब तो बेवज़ह उसपर हक़ जताती होगी। अब तुम उसे दे खने के सलए छत पर आती होगी , अब तुम अपने हाथों से उसे खखलाती होगी । अब वो बन गया त म् हारे हर ख श ी की वज़ह, अब तो तुम उसे दे खकर ख़ुश हो जाती होगी । हर बात पर दादी की तरह उसे समझाती होगी , नहीं समझने पर तुम उसे डाट लगाती होगी । जब भी समलता होगा महज़ ज द ाई के बाद , अब तो त म उससे दौड़कर सलपट जाती होगी । उसके साथ होने पर सुक न वाली नींद आती होगी, उसके सो जाने पर उसके बालों को सहलाती होगी। कल गल तक का जजस वो प्यार दाग़ की अब तनशानी उसस बताती थी , छुपाती होगी ।