Mai aur Tum मैं और तुम | Page 5

तुम ऐस ककय करो न रात के झगड़े को सपने में स ल झा सलया करो ना, सवेरे होते ही मुझे कस के गले लगा सलया करो ना । तुम्हे तो पता है कक मैं अब ऑकिस जाने लगा ह ूँ , मुझे नींद आएगी ही पर तुम तो जगा ददया करो ना । छोटी-मोटी चोटे लग जाती है कभी-कभार , मरहम मत खोजा करो अपने होठों से सहला ददया करो ना। तुम तो जानती हो नींद नही आती मुझे बबना तककए के , तककया ना समले तो अपने गोद म स ल ा सलया करो ना । जब भी ककसी से बात करता ह ूँ दरवाजे पे खड़ा होके , इशारा मत ककया करो आवाज दे कर बुला सलया करो ना । मुझे कहाूँ समझ आती है बातें द त ु नयादारी की , जो कोई नहीं समझा पाता तुम समझा ददया करो । माना कक जज़क्र नही कर सकते त म सरे आम मेरा , अपनी मेहंदी में ही मेरा नाम सलखकर छुपा सलया करो ना । मैंने कब कहा कक सरे आम म झ े गले लगाओ त म , महकफ़ल में जब भी समलो दे खकर मुझे बस मुस्कुरा ददया करो ना । क्या हुआ जो इतनी गमी में बबजली चली गयी , तुम परे शान मत हो अपनी ओढ़नी से हवा ककया करो ना । तुम चाहती हो ना कक मैं हमेशा मुस्कुराता रह ं , तो एक काम करो थोड़ी अपनी भी तो किक्र ककया करो ना । जब सो जाए रात को सब घरवाले त म् हारे , ककतनी भी रात हो मुझे फ़ोन लगा सलया करो ना ।