त म
प छो हर गली हर रास्ते स
मेरा पता ,
तुम्हारी हर कोसशस के बाद भी कुछ पता ना चले ।
तो त म
ककसे स न
ाओगे अपने बचपन की कहानी ?
तो तुम ककसे ददखाओगे अपने पहले प्यार की तनशानी ?
किर तुम ककससे हर छोटी-छोटी बात पर
किर त म
लड़ोगे ?
कॉलेज के बाद ककसका इंतजार करोग
?
सब सच जानकर भी ककससे तुम ऐसे अंजान बनोगे ?
किर त म
ककसकी तनशानी ककसकी पहचान बनोगे ?
क्या तुम मुझे मेरी हर कववता में खोजा करोगे ?
क्या तुम सालो तक सबसे मेरे बारे में प छा करोगे ?
क्या तुम मेरी माूँ को हमारी कहानी बताओगे ?
जो हमारे सपने है उसे कैसे और कहाूँ दफ़नाओगे ?
क्या त म
मेरे हर राज को हमेशा राज बनाकर रखोगे ?
तुम उजाले में जजओगी या ददन को रात बनाकर रखोगे ?
क्या त म
मेरी डायरी पढ़कर मेरे सच का पता लगाओगी ?
गर कोई हमारे ररश्ते के बारे में प छे गा तो उसे क्या बताओगी ?