वो सच मे पागल होते है ।
अपनो के अच्छे कल के सलए ,
जो अपना आज डुबो दे ते है ।
वो सच मे पागल होते है ।
मुसीबत लगता है कभी-कभी बड़ा बेटा होना,
उमर से ज्यादा जो बोझ ढोते है ।
वो सच मे पागल होते है ।
बचपन से ख़्वाब संजोया हो जजस लड़की का ,
आखख़र में भाई बनकर उसका डोली ढोते है ।
वो सच मे पागल होते है ।
िोन चलाने वाली उम्र में ,
जो ग़ासलब और फ़राज के ग़जलों संग सोते है ।
वो सच मे पागल होते है ।
जो हूँसते - हूँसाते रहते है महकफ़लो में सबको ,
बंद कमरों में वो छुप-छुपकर रोते है ।
वो सच मे पागल होते है ।
म
मेरी नादातनयों की वजह से पापा ने मां को डांट लगाया था ,
बड़ी दहम्मत करके माूँ ने उस ददन मुझे फ़ोन समलाया था ।