Mai aur Tum मैं और तुम | Page 12

मैं कह ं गा तो हो सकता तुम्हारे भईया मान भी जाएं , पर घर के लिड़े में बाहर वालो को लाना अच्छी बात नही। मां ने दे खी है द त ु नयादारी तभी समझाती है वो तुझे , अब हर बात पर माूँ से उलझ जाना अच्छी बात नही। मैं समझता ह ूँ उसकी याद में रोना भी आता होगा तुमको, पर हर रोज ऐसे रो कर आूँख सुज़ाना अच्छी बात नही.. दे खो सुन लो कल समलने आना होगा हर क़ीमत पर, अब हर बारी ट्य शन का बहाना अच्छी बात नही।। मैं नही आऊंग मा बता रही थी कल कक त म ये मुमककन है कक तुम्हे मेरी याद आय गांव आय हो अभी , पर मैं नही आऊंगा । स न ा है त म् हारा बेटा मोहल्ले में सबको माम जान ब ल ाता है , सुनो अगर ऐसी बात है तो उसके सामने मैं नही आऊंगा । गर छुट्टी समली और मैं घर आ भी गया तो छत से ही दीदार करना ,