तुम अपन ख़्य ि रखन
ददल मे क्य ूँ खामखाूँ इतना मलाल रखना ,
यारी में क्य ूँ अपना ऐसा हाल रखना ।
सबको पता है कक इसका कोई जवाब नहीं ,
तो किर बेकार में क्य ूँ ऐसा सवाल रखना ।
मुझे आूँखे पढ़ना आता नही इक जरा भी ,
होठों से जादहर करो क्य ं आूँखे लाल रखना ।
मैं मानता ह ं नाराज़गी भी वाजज़ब है तुम्हारी ,
पर अच्छा नही महीनों तक ब्लॉक में डाल रखना।
भले मेरे सारे तस्वीर समटा दे ना अपने फ़ोन से ,
पर मेरे आखख़री तोहिे को त म
संभाल रखना ।
क्या सच मे अब
पसन्द नही तुम्हे मेरा ये चेहरा ,
ठीक है चलता ह ूँ , अच्छा स न
ो त म
अपना ख़्याल रखना ।