LOK JANWAD (Trial Version) Oct, 2014 | Page 4

“ म और उ योग क बीच एक दशक तक जो झगड़े चलते रहे उसक प रणाम व प यहाँ एक मु ठभड़ हु ई िजसक कारण मजदूर एवं े े े पु लसवाल , दोन क दुखद मौत हु ए। 4 मई 1886 को े न क गल क मु ँह पर े े से आने वाल पु लसवा हनी पर गल क द े व वक े मक-समावेश क ोतागण इक े हु ए थे। य लेइन माग े ण से हमला कया गया। नतीजे क तौर पर आठ कायक ताओं पर मुकदम चले एवं इनपर पूरे े मक आ दोलन का यान आक षत हु आ और इसीक चलते कई शहर म ‘मई दवस’ क े े [25 माच 1992 को मेयर रचड एम डैल वारा लोका पत] मक-समावेश क शु आत हु ई।” इस कां यफलक लगाये जाने क 12 साल क बाद 14 सत बर 2004 को, वह उपरो त मेयर डैल साहब, शकागो पु लस संघ क अ य े े े एवं (गौर क िजये!) अ य संघ क नेताओं ने मलकर हे-माकट कॉयर क उसी ऐ तहा सक थल पर 15 फट उँ चा एक कां य न मत मृ त- तंभ े े ु का आवरण उ मो चत कया – मृ त- तंभ क प म थी वह व ताओं हाथगाड़ी ( पीकस वैगन) िजस पर खड़ा होकर हे-माकट क शह द व अ य े े नेताओं ने सवा सौ वष पहले आठ घ टे म- दन का मांग उठाया था! 2007 तक अपडेट कया हु आ व क प डया लखता है क वहाँ पर अब एक मक-पाक ता वत है िजसक अ दर एक अ तररा े य मारक-द वार होगा, चलने क माग क कनारे फलक लगे ह गे, एक उँ ची सां कृ तक मनार होगी, बैठने क जगह होगी वगैरह वगैरह… पर अभी े े तक यह काम शु नह ं हु आ है।