“ म और उ योग क बीच एक दशक तक जो झगड़े चलते रहे उसक प रणाम व प यहाँ एक मु ठभड़ हु ई िजसक कारण मजदूर एवं
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पु लसवाल , दोन क दुखद मौत हु ए। 4 मई 1886 को े न क गल क मु ँह पर
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से आने वाल पु लसवा हनी पर गल क द
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व वक
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मक-समावेश क ोतागण इक े हु ए थे। य लेइन माग
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ण से हमला कया गया। नतीजे क तौर पर आठ कायक ताओं पर मुकदम चले एवं इनपर पूरे
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मक आ दोलन का यान आक षत हु आ और इसीक चलते कई शहर म ‘मई दवस’ क
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[25 माच 1992 को मेयर रचड एम डैल
वारा लोका पत]
मक-समावेश क शु आत हु ई।”
इस कां यफलक लगाये जाने क 12 साल क बाद 14 सत बर 2004 को, वह उपरो त मेयर डैल साहब, शकागो पु लस संघ क अ य
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एवं (गौर क िजये!) अ य संघ क नेताओं ने मलकर हे-माकट कॉयर क उसी ऐ तहा सक थल पर 15 फट उँ चा एक कां य न मत मृ त- तंभ
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का आवरण उ मो चत कया – मृ त- तंभ क प म थी वह व ताओं हाथगाड़ी ( पीकस वैगन) िजस पर खड़ा होकर हे-माकट क शह द व अ य
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नेताओं ने सवा सौ वष पहले आठ घ टे
म- दन का मांग उठाया था!
2007 तक अपडेट कया हु आ व क प डया लखता है क वहाँ पर अब एक
मक-पाक
ता वत है िजसक अ दर एक अ तररा
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मारक-द वार होगा, चलने क माग क कनारे फलक लगे ह गे, एक उँ ची सां कृ तक मनार होगी, बैठने क जगह होगी वगैरह वगैरह… पर अभी
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तक यह काम शु नह ं हु आ है।