उन दन क कहानी, जब शकागो क हे-माकट
े
वायर म 1886 क मई मह ने
े
क पहल तार ख एक लाख से अ धक हड़ताल मज़दूर ने जुलस नकाला था,
ू
फर 3-4 मई क घटनाय, फरता मई क शां तपूण समावेश म बम फका जाना,
े
गोल कांड आ द से लेकर अग त क उस दन तक जब चार साथी – पस स,
े
फशर, पाइस व एंजेल - फाँसी क त ते पर चढ़ाये गये थे… यह सब क छ
े
ु
कताब म व णत है। आज कल तो इ टरनेट का जमाना है, तो इ टरनेट पर
भी, व क प डया म, हे-माकट क घटनाओं से स बि धत आकाइ स म एवं
और कई जगह सार
ासं गक साम
याँ उपल ध ह।
4 मई 1886 क समावेश क लये जार पो टर
े
े
उ ह साम
य म तलाश करते करते मेरे मन म जानने क इ छा जगी क आज उस ऐ तहा सक हे-माकट क
या ि थ त है। उसी
म
म क छ जो रोचक त य मले उ हे म आपक साथ बाँटना चाहता हू ँ। वे त य रोचक इस माने म ह क उनक मा यम से संयु त रा य अमर का क
ु
े
े
े
अ दर जार , पछले सवा सौ वष क वग य अ त वरोध क एक झाँक मलेगी।
े
पहला त य तो यह है क 11 नव बर 1887 को फाँसी क बाद, पस स, फशर, पाईस एवं एंजेल तथा एक साथी लं ग (िजसने, कहा
े
जाता है क फाँसी क दन अपने मू ँह म डायनामाईट का ि टक सुलगा कर आ मह या कर लया था) शकागो क कर ब इ लनॉइस ि थत फॉरे ट
े
े
पाक म जमन वा डहाईम क
तान म दफनाये गये। कल सात सा थय को मौत क सजा सु नाई गई थी िजसम से दो साथी, फ डेन एवं वाब क
ु
सजा एक दन पहले आजीवन कारावास म त द ल कर द गई थी। इनम से एक साथी वाब एवं एक साथी नीबे जो पहले से ह कद क सजाया ता
ै
े
थे, दोन नधन क बाद उसी जगह पर दफनाये गये एवं इस तरह मृ यु क बाद शह द फर से एक हो गये! पर यह खास बात नह ं है। खास बात यह
े
े
भी नह ं है क उस वा डहाईम क
तान म, िजसे बाद म फॉरे ट होम क
तान का अंगीभू त कर लया गया, उन सा थय क याद म एक मृ त-
तंभ बनाया गया 1893 म, या न घटनाओं क 6-7 वष क बाद। मृ त- तंभ बनाने वाले थे अलबट वीनट।
े
े
फॉरे ट होम क
तान का
मृ त तंभ
नीचे उकर हु ई
े
पाईस क पंि त