June 2025_DA | Page 13

क्क जताक्तयों और उपजताक्तयों के आकूंड़ों को प्रतापत करने के क्लए क्ज़लता और रताजय सतर पर स्वतंत् अधययन करतायता जताए । सताथ हरी आंकड़ों कता प्रयोग चतुनता्वरी रताजनरीक्त, समताक्जक ध्रतु्वरीकरण, लोकतान्त्रिक प्रक्तक्नक्धत्व प्रतापत करने के क्लए नहीं होनता चताक्हए । सतामताक्जक न्यताय को बढ़ता्वता देने और संसताधनों के समतान क््वतरण को सतुक्नसशचत करने के क्लए जताक्त गणनता के आधतार पर देश करी जनसंख्या के सिरीक आंकड़ें भतारतरीय समताज करी एक व्यापक तस्वरीर प्रदतान करने में भरी मदद करेंगे । इसमें कोई संदेह नहीं है । कैसे होगरी जताक्तयों करी पहचतान? 2011 करी जताक्त गणनता में 46 लताख से अक्धक जताक्त, उपजताक्त, उपनताम और गोत् के नताम दर्ज हतुए, लेक्कन जताक्त के आंकड़ों में कई क््वसंगक्तयतां होने के कतारण आकूंड़ों को जताररी नहीं करने कता क्नण्णय क्लयता गयता । ऐसे में यह प्रश्न स्वताभताक््वक है क्क देश में हजतारों करी संख्या में मलौजूद जताक्तयों-उपजताक्तयों करी गणनता कैसे
करी जताएगरी? जतानकताररी के अनतुसतार जताक्त गणनता में जताक्तयों करी पहचतान करने के क्लए, जनगणनता फताम्ण में जताक्त-आधतारित प्रश्नों को सम्मिलित क्कयता जताएगता । इन प्रश्नों के आधतार पर वयसकत को अपनरी जताक्त और उप-जताक्त( यक्द कोई हो) कता क््व्वरण देनता होगता ।
सताथ हरी केंद्र सरकतार जताक्त गणनता के क्लए एक आयोग भरी बनताएगरी, जो जताक्त गणनता में क्हस्सा लेने ्वतालरी जताक्तयों और उप-जताक्तयों करी पहचतान करेगरी । बततायता जतातता है क्क यह आयोग 2011-12 करी सतामताक्जक, आक्थ्णक और जताक्त जनगणनता के आंकड़ों कता उपयोग कर सकतता है, क्जसमें कृत्रिम बतुक्द्धमत्ता( आक्ि्टक्फक्शयल इंटेक्लजेंस) और आंकड़ों के क््वशलेषण के क्लए प्रयतुकत होने ्वतालरी तकनरीकरी करी मदद लरी जता सकतरी है । लेक्कन अन्य क्पछड़ता ्वग्ण( ओबरीसरी) और सतामतान्य ्वग्ण करी जताक्तयों करी पहचतान एक जक्िल प्रक्क्रयता होगरी कयोंक्क देश में इन जताक्तयों करी पहचतान के क्लए कोई निश्चित तररीकता नहीं है । ऐसे में केंद्र सरकतार को जताक्त गणनता के क्लए
एक व्यापक और सिरीक पहचतान प्रणतालरी क््वकक्सत करने करी आ्वशयकतता पड़ेगरी ।
अनुसूचित जातियों के लाभ प्ापतों को आरक्ण से बाहर करने की चुनौती
क््वक्भन्न रिपोियों और अधययनों में यह बतात समय-समय पर सतामने आतरी रहरी है क्क देश में अनतुसूक्चत जताक्त और अनतुसूक्चत जनजताक्त करी ऐसरी अनेक जताक्तयतां-उपजताक्तयतां हैं, क्जन्हें अब तक आरषिण कता लताभ नहीं क्मलता है । कुछ जताक्तयतां आरषिण कता लताभ लेते हतुए आक्थ्णक-समताक्जक रूप से बेहतर स्थिति में पहतुंच गई हैं, जबक्क ्वंक्चत ्वग्ण कता एक बड़ता क्हस्सा प्रताथक्मक क्शषिता के लताभ से भरी ्वंक्चत है । संक््वधतान में आरषिण करी व्यवस्था उन जताक्तयों के क्लए करी गई थरी, जो समताक्जक रूप से ्वंक्चत थरी । लेक्कन आरषिण को संकरीण्ण सोच ्वताले रताजनरीक्तक दलों ने रताजनरीक्तक क्हतों करी पूक्त्ण कता सताधन बनता क्दयता । ऐसे में आरषिण से जुड़े हतुए प्रश्नों पर बहस
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