एकलव्य मॉडल आवासीय विद्ािय की संख्ा बढ़कर 750 हुई: जुएल ओराम
केंसममान की बात है कि वह तीसरी बार
द्रीय आदिवासी कार्य मंत्री जुएल ओराम ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व और
केंद्र सरकार में आदिवासी कार्य मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं । जब वह पीछे देखते हैं, तो उनहें याद आता है कि आदिवासी सशक्तकरण की नींव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय रखी गई थी । उसी सोच को आगे बढ़ाते हुए‘ एकलवय मलॉडल आवासीय विद्ालय’ की शुरुआत की गई, जहां कक्षा-6 से कक्षा-12 तक के आदिवासी बच्चों को मुफत शिक्षा, भोजन, वसत्र और आवास सुविधा प्रदान की जाती है । प्रारमभ में 100 स्कूल बनाए गए थे, जो अब बढ़कर 750 हो चुके हैं । इसके लिए 2,500 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है ।
उनहोंने कहा कि आज यह स्कूल केनद्रीय
विद्ालयों की तरह शानदार परिणाम दे रहे हैं । हर एकलवय स्कूल को 50 करोड़ रुपए की राशि दी जा रही है ताकि आधुनिक सुविधाएं दी जा सकें । मंत्रालय ने आदिवासी सवतंत्रता सेनानियों को सममान देने के लिए आदिवासी संग्हालय भी बनवाए हैं । पहले बिरसा मुंडा जैसे नायकों के बारे में बहुत लोग नहीं जानते थे और राजसथान-गुजरात जैसे राजयों के आदिवासी सेनानियों की कहानियां भी गुम थीं । लेकिन अब उनहें पहचान दिला रहे हैं । केंद्र सरकार ने तीन सौ से अधिक‘ इंडिया ट्राइबल’ दुकानों की शुरुआत की है, जहां बांस, धातु और पीतल जैसी पारंपरिक चीजों से आधुनिक और सुंदर उतपाि बनाकर बेचे जा रहे हैं ।
उनहोंने कहा कि सरकार का काम सिर्फ शिक्षा और संसकृवत तक सीमित नहीं है ।
प्रधानमंत्री जन-मन योजना के तहत 63,000 आदिवासी गांवों का विकास किया जा रहा है, जिसमें 15 मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं । सवासथय के क्षेत्र में, कसकल सेल एनीमिया को खतम करने के लिए एमस के साथ मिलकर 15 सेंटर ऑफ ए्सीलेंस सथावपत किए गए हैं । अब तक तीन करोड़ लोगों की जांच हो चुकी है और उनहें रेड, येलो, ग्ीन कार्ड जारी किए गए हैं । लक्य 7 करोड़ लोगों का है । प्रधानमंत्री द्ारा प्रोतसावहत मोटे अनाज( मिलेरस) को भी आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे सेहत भी सुधरेगी और अंतरराषट्रीय बाजार में मांग भी बढ़ेगी । उद्ेशय सपषट है- आदिवासी समुदाय को गरिमा, अवसर और वह पहचान दिलाना, जिसके वह सदा से हकदार हैं ।
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